अमेरिका की सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (Central Intelligence Agency-CIA) के पूर्व प्रमुख जॉन ब्रेनन (John Brennan) ने दावा किया है कि इजराइल ने पाकिस्तान में अल कायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन (Osama Bin Laden) का पता लगाने में अमेरिका की मदद की थी। अल कायदा सरगना लादेन को उसके एबटाबाद के आवास में 2011 में अमेरिकी सेना और सीआईए के एक संयुक्त ऑपरेशन में मार दिया गया था।
पूर्व सीआईए प्रमुख ब्रेनन ने दावा किया कि इज़राइल ने <a href="https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%93%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%BE_%E0%A4%AC%E0%A4%BF%E0%A4%A8_%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%A8">ओसामा बिन लादेन</a> का पता लगाने में कुछ मदद की थी। उन्होंने कहा कि लादेन पर छापे की तैयारी में अमेरिका की कोशिशों में कई साल लगे थे। इसके लिए हजारों तरह की खुफिया जानकारी को शामिल किया गया। जिसमें से कुछ जानकारी इजरायल ने अपने खुफिया अभियानों के परिणामस्वरूप अमेरिका को उपलब्ध कराई थी।
2 मई, 2011 को अमेरिकी नौसेना के जवानों ने अफगानिस्तान से हेलीकॉप्टरों में उड़ान भरी और अपने सफल अभियान में अल-कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को मार गिराया। बिन लादेन के आवास के परिसर में ऊंची दीवारें और कंटीले तार लगे थे। मेहमानों की आवाजाही की कमी और किसी भी कार की अनुपस्थिति ने इसे और ज्यादा संदिग्ध बना दिया था। लेकिन कभी भी पाकिस्तानी अधिकारियों ने इस पर सवाल नहीं उठाया।
जबकि पाकिस्तान ने उस समय एक डॉक्टर शकील अफरीदी को गिरफ्तार किया था। जिनके नकली टीकाकरण अभियान ने सीआईए को ओसामा बिन लादेन का पता लगाने और मार गिराने में मदद की थी। <a href="https://indianarrative.com/world/its-not-the-first-time-imran-showed-admiration-for-osama-3933.html">जबकि 2019 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया</a> था कि पाकिस्तान की शीर्ष जासूस एजेंसी <a href="https://hindi.indianarrative.com/world/imran-khan-funniest-interview-says-isi-taping-his-phone-also-20283.html">इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (Inter-Services Intelligence-ISI)</a> ने अमेरिका को लादेन के बारे में जानकारी दी थी। जिससे उन्हें अल-कायदा सरगना को खोजने और मारने में मदद मिली।.