अफगानिस्तान में तालिबान ने कब्जा करने के बाद से ही अफगान नागरिकों और महिलाओं पर अत्याचार कर रहा। आफगानिस्तान में तालिबानियों के आने से कई देश खुश हैं तो कई देशों की चींता बढ़ गई है। फ्रांस सरकार ने तालिबान को मान्यता देने से इनकार करते हुए उसे झूठा करार दिया है। यहां तक की फ्रांस ने यह तक कहा है कि, तालिबान की नव गठित सरकार से उसका कोई नाता नहीं होगा।
फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-यवेस ली ड्रियन ने शनिवार को कहा कि तालिबान झूठ बोल रहा है। इसके साथ ही फ्रांस का उसकी नव गठित सरकार से कोई रिश्ता नहीं होगा। ड्रियन ने ये बातें कतर के लिए रवाना होने से पहले कहीं, जहां अफगानिस्तान से लोगों की निकासी पर चर्चा होने वाली है। विदेश मंत्री ने अपने एक बयान में कहा कि, उन्होंने (तालिबान) कहा कि वे कुछ विदेशियों और अफगानों को स्वतंत्र रूप से जाने देंगे और एक समावेशी सरकार बनाने की बात कही, लेकिन वे झूठ बोल रहे हैं। इसके आगे उन्होंने यह स्पष्ट किया कि, फ्रांस उस सरकार को मान्यता देने या उसके साथ किसी भी तरह के संबंध रखने से इनकार करता है। हम देखना चाहते हैं कि तालिबान अपनी तरफ से क्या करता है और उन्हें आर्थिक मामले में क्या करना है, ये फैसले लेने की जरूरत होगी। साथ ही अंतरराष्ट्रीय संबंधों की भी आवश्यकता होगी। अब यह उनके ऊपर है।
बता दें कि, फ्रांस ने करीब 3 हजार लोगों को अफगानिस्तान से बाहर निकाला है और इस निकासी को सक्षम बनाने के लिए तालिबान के साथ बातचीत की थी। फ्रांस के विदेश मंत्री ने कहा कि, अब भी कुछ फ्रांसीसी नागरिक और कुछ सौ के करीब अफगान अफगानिस्तान में हैं, फ्रांस का अफगानिस्तान से बस इतना ही संबंध बचा है।
बताते चलें कि, तमाम जद्दोजहद के बाद बीते मंगलवार को तालिबान ने अपनी आंतरिक सरकार बनाते हुए 33 नामों की सूची जारी की। जिसमें केवल तालिबानी और हक्कानी नेटवर्क के सदस्यों को कुर्सी मिली। और तालिबान के उच्च पदों पर बैठे कई मंत्री आतंकी हैं। यहां तक की हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख और मोस्ट वॉन्टेड वैश्विक आतंकी सिराजुद्दीन हक्कानी को गृह मंत्री बनाया गया है।