पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारों पर भारत सरकार के खिलाफ प्रोपेगंडा चलाने वाला पीटर फ्रेडरिक अब पछता रहा है। क्यों कि आईएसआई ने पर्दाफाश होते ही आईएसआई और खालिस्तानी प्रोपेगंडा चलाने वालों ने पीटर फ्रेडरिक को अकेला छोड़ दिया है। दोनों ओर से फंसा पीटर फ्रेडरिक बुरी तरह बौखला गया है। पीटर फ्रेडरिक अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस के खिलाफ दुष्प्रचार करने और चंदा इकट्ठा करने में लगा है। पीटर फ्रेडरिक को लगने लगा है कि भारतीय एजेंसियां उसे गिरफ्तार कर सकती हैं।
महात्मा गांधी के खिलाफ चला चुका है अभियान
पीटर फ्रेडरिक यह वही शख्स है जो अमेरिका में महात्मा गांधी की प्रतिमाओं को तोड़ने और उनके खिलाफ अभियानों का आयोजन करता था। पीटर फ्रेडरिक और खालिस्तानी आतंकी भजन भिंडर महात्मा गांधी को ‘नस्लवादी’, ‘पीडोफाइल’ और ‘बाल बलात्कारी’ तक बोल चुके हैं। आरएसस और मोदी उसके लिए नए शब्द हैं। इनके बारे में उसके पास सटीक जानकारी तक नहीं है। इसलिए ऊल जलूल बातें बक रहा है।
संघ और बीजेपी के खिलाफ दुष्प्रचार उसने हाल ही में पीटर जोड़ा है। इससे पहले उसके लेखों और गतिविधियों में भारत में हिंदू राष्ट्रवादी संगठनों का जिक्र कभी नहीं हुआ। खालिस्तान, कश्मीर, और गांधी।
भारत की छवि बिगाड़ने के लिए लिखीं किताबें
पीटर फ्रेडरिक ने द फेसेज ऑफ टेरर इन इंडिया, डेमन्स विदिन: द सिस्टेमेटिक प्रैक्टिस ऑफ टॉर्चर बाई इंडियन पुलिस, गांधी: रेसिस्ट ऑर रेवोलुशनरी, कैप्टिवेटिंग द सिंपल-हर्टेड: ए स्ट्रगल फॉर ह्यूमन डिग्निटी इन द इंडियन सबकॉन्टिनेंट,भारत बंद एंड दलित स्ट्रगल अगेंस्ट डीह्यूमनाइजेशन,काइट फाइट्स: द प्रॉक्सी वॉर्स बिहाइंड द काबुल गुरुद्वारा मैजेकर और सैफरन फासिस्टस: इंडियाज हिन्दू नेशनलिस्ट रुलर्स कुछ किताबें लिखी हैं। इन किताबों के शीर्षक से ही लगता है कि पीटर फ्रेडरिक सीधे भारत पर ही लगातार हमला कर रहा था और अब अचानक हिंदुत्व और आरएसएस पर हमला करने लगा।