कोरोना वायरस को लेकर चीन अब चारो तरफ से घिरता नजर आ रहा है, जी-7 सम्मेलन में शामिल होने आए विश्व के नेताओं ने कोविड-19 महामारी शुरू होने के पीछे चीन के वुहान लैब से वायरस के लीक होने की आशंका पर चर्चा की। इसके साथ ही चीन से शिनजियांग और हांगकांग में मानवाधिकारों का सम्मान करने का आह्वान किया। वहीं, WHO के प्रमुख ने कहा है कि जानलेवा वायरस के उत्पत्ति को लेकर सामने आ रही सभी परिकल्पनाएं जांच के लिए खुली बैं। ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने कहा कि महामारी के वुहान लैब से लीक वायरस से फैलने की आशंका को लेकर जांच की मांग की है।
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने कहा कि महामारी के वुहान लैब से लीक वायरस से फैलने की आशंका को लेकर अधिकारियों के तुलनात्मक नोट और अधिक जांच की मांग करते हैं। हालांकि, उन्होंने जोर दिया कि ब्रिटेन को प्राप्त सबसे विश्वसनीय सूचना के मुताबिक यह जानवरों से इंसान में फैला लेकिन साथ ही स्वीकार किया कि उनके पास अब भी सभी सवालों के जवाब नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हम चाहतें है कि मामले की समीक्षा हो और विशेषज्ञ सभी सवालों के जवाब के लिए चीन जाएं, ताकि हमारे पास पूरी तस्वीर हो, बजाय कि इन संभव, संभावित, मुमकिन विकल्प के। इसके आगे उन्होंने कहा कि, लेकिन संतुलन के लिए, हम यह नहीं मानते कि यह प्रयोगशाला से आया। हमारा मानना है कि बहुत संभव है कि यह जानवरों की प्रजाति से इनसानों तक पहुंचा।
बताते चलें कि, WHO के महानिदेशक डॉ टेड्रोस अदनोम गेब्रेयसस ने शनिवार को पत्रकारों से कहा था कि कॉर्नवाल में आयोजित जी-7 सम्मेलन के दौरान स्वास्थ्य मामलों और महामारी के स्रोत का पता लगाने को लेकर आयोजित औपचारिक सत्र में इस आशंका को उठाया गया था। उन्होंने कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर कहा कि, उत्पत्ति के अध्ययन का पहला चरण निर्णायक नहीं था और वहां पर चार सिद्धांत थे लेकिन उनपर अबतक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है। इसलिए हमारा मानना है कि सभी चारों सिद्धांत खुले होने चाहिए और हमें दूसरे चरण की ओर बढ़ना चाहिए ताकि वायरस के उत्पत्ति का पता चल सके।