सऊदी अरब में बदलाव की बयार बहुत तेजी से चल रही है। कट्टरपंथियों के देश में जहां महिलाओं का अकेले घूमना-फिरना और बाजार जाना भी जुर्म की कैटेगरी में आता था अब वहां की महिलाएं सऊदी आर्मी में भर्ती होंगी और मर्दों के कंधों से कंधा मिला कर सऊदी सल्तनत की हिफाजत करेंगी। सऊदी अरब में यह बदलाव क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान के उदार और विकास वादी सोच के चलते हो रहे हैं। हालांकि, क्राउन प्रिंस की इन नई नीतियों का कट्टरपंथी विरोध कर रहे हैं लेकिन सत्ता के हण्टर के आगे उनकी एक नहीं चल पा रही है। कुछ दिन पहले ही सऊदी सरकार ने महिलाओं के अकेले हवाई सफर लगी पाबंदियों को हटा लिया था। इतना ही महिलाओं अकेले ड्राइविंग का अधिकार दिया और होटल-मॉल्स में भी जाने इजाजत दी जा चुकी है।
जानकारों का कहना है कि क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान सऊदी महिलाओं का उपयोग देश के विकास के लिए जरूरी वर्क फोर्स के तौर करना चाहते हैं इसीलिए आर्मी सहित विभिन्न संस्थानों में महिलाओं की भर्तियां की जा रही हैं। अब सऊदी अरब के मॉल्स और होटल्स में सऊदी महिलाएं काम करती हुई दिखने लगी हैं। कुछ दिन पहले तक ये सारे काम केवल मर्दों तक ही सीमित थे। इसके अलावा कॉफी शॉप और रेस्टोरेंट्स में भी सऊदी महिलाएं वो सारे काम कर रही हैं जो पहले सिर्फ मर्द ही करते थे।
सऊदी क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान के निर्देशों पर आर्मी में महिलाओं की भर्ती के लिए जो नियम बनाए गए हैं उनमें सबसे पहला यह है कि उन्हें कम से कम हाईस्कूल पास होना चाहिए। फिजिकल फिटनेस क्राइट एरिया को क्वालिफाई करना भी जरूरी है। सऊदी आर्मी में शामिल होने के लिए मेरिड या अनमेरिड महिलाएं आवेदन कर सकती हैं लेकिन विदेशी नागरिक से शादी करने वाली महिलाएं सऊदी आर्मी में भर्ती नहीं हो सकतीं।
आर्मी के साथ ही अब सऊदी अरब के ज्यूडिशियरी सिस्टम में भी महिलाओं की भर्तियां शुरू हो चुकी हैं। पिछले साल ही 100 से ज्यादा पब्लिक नोटरीज की भर्तियां की गई थीं। इस साल महिला कोर्ट जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है।