Hindi News

indianarrative

Pak PM Imran Khan की औकात जमीन पर, रुपया 70% लुढ़का , KPK में चुनाव भी हारे, फजल उर रहमान की बल्ले-बल्ले

70 फीसदी लुढ़का पाकिस्तान का रुपया

पाकिस्तान की सत्ता में जल्द ही बड़ा भूचाल देखने को मिल सकता है। क्योंकि, इस वक्त पाकिस्तान में महंगाई अपने चरम पर है और इमरान खान की सरकार को एक के बाद एक करारा झटका लग रहा है। कंगाल हुए पाकिस्तान में इस वक्त क्या स्थिति है इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि, पाकिस्तान का रूपया 70 फीसदी लुढ़क गया है और ये ऐतिहासिक गारिवट है। उधर केपीके में भी इमरान खान की पार्टी भारी चुनावी हार की ओर है। लोकल बॉडी चुनाव में मौलाना फजल उर रहमान की पार्टी जेयूआई भारी जीत की ओर बढ़ चली है। इसको देख कर लग रहा है कि इमरान खान की कुर्सी एक बार फिर खतरे में हैं। 

यह भी पढ़ें- तालिबान के बुरे दिन शुरू! फिर हाथ से जाएगी सत्ता- Russia ने किया बड़ा खुलासा

इमरान खान की सरकार इस वक्त देश में सबसे बड़ी आर्थिक चुनौतियों से जूझ रही है। बढ़ती महंगाई दर, खाली होता विदेशी मुद्रा भंडार, चालू खाते घाटे का बढ़ता दबाव और पाकिस्तानी मुद्रा रुपए की पतली हाल से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में मानों भूचाल ही आ गया है। इमरान खान ने अगस्त 2018 में सत्ता में आए थे तब पाकिस्तान की करेंसी USD (अमेरिकन डॉलर) के मुकाबले 123 रपये थी और अब दिसंबर 2021 में गिरकर USD के मुकाबले 177 रुपए हो गई है। यह देश के इतिबास में मुद्रा के उच्चतम अवमूल्यन यानी गिरावट में से एक है।

इस वक्त पाकिस्तान में 70 सालों में सबसे अधिक महंगाई है, 1947 में भारत से अलग होने के बाद पड़ोसी मुल्का की पहली बार हालत इतनी खराब है। पिछले तीन सालों में दूध की कीमतें 32 प्रतिशत बढ़कर 112 रुपए प्रति लीटर हो गई है। खाने की करीब सभी चीजें दोगुनी महंगी हो गई हैं। तेल, आटा, दाल, चावल के अलावा लगभग सभी के दाम रिकॉर्ड हाई पर हैं। पाकिस्तान की फेडरल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (FBS) के अनुसार, अक्टूबर 2018 से अकटूबर 2021 तक बिजली की गरें 57 फीसदी बढ़कर 4.06 रुपए प्रति यूनिट से बढ़कर 6.38 प्रति यूनिट हो गई हैं।

इस बीच अतंरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने कंगाल होते पाकिस्तान की मदद करने के लिए कहा है, IMF ने कहा है कि, वह बढ़ती आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे दक्षिण एशियाई देश के लिए रुके हुए 6 अरब डॉलर के वित्त पोषण कार्यक्रम को पुनर्जीवित करने के लिए आवश्यक उपायों पर पाकिस्तान के साथ सहमत है। IMF ने कहा कि, पाकिस्तानी अधिकारी और IMF कर्मचारी छठी समीक्षा को पूरा करने के लिए आवश्यक नीतियों और सुधारों पर एक समजौते पर पहुंच गए हैं। इसका साथ ही आईएमएफ ने बयान में कहा है कि, इस साल की शुरुआत से लंबित समीक्षा के पूरे होने से IMF के विशेष आहरण अधिकारों में 750 मिलियन या लगभग 1 बिलियन डॉलर उपलब्ध होंगे। जिससे अब तक का कुल संवितरण लगभग 3 बिलियन डॉलर हो जाएगा।

यह भी पढ़ें- Pakistan बनते जा रहा 'आतंक का गढ़' US रिपोर्ट में कई खुलासे

बता दें कि, इमरान खान लगातार विश्व बैंक और इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड से कर्ज लेते जा रहे हैं, 31 दिसंबर, 2020 के आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान पर कुल 115.756 अरब डॉलर का कर्जा था। इसके साथ ही इसी 5 दिसंबर को पाकिस्तान ने सऊदी अरब से 3 अरब डॉलर का कर्ज लिया है।