चीन की राजधानी बीजिंग में सोमवार को लोगों ने डरावनी सुबह का देखी। सोमवार सुबह से ही बीजिंग में घनी भूरी धूल में लोगों की आंखें धंसी हुई थी, जिसके परिणामस्वरूप भीतरी मंगोलिया और उत्तर-पश्चिमी चीन के अन्य हिस्सों में भारी हवाएं चल रही हैं। सोमवार को चीन की राजधानी बीजिंग पूरी तरह से धूल से सन गई। बताया जा रहा है कि तेज हवाओं की वजह से गोबी के रेगिस्तान से यह आंधी उठी और चीन के ज्यादातर हिस्सों को धूल से भर दिया। बीजिंग में 400 उड़ानों को रद किया गया है। इससे पहले रविवार को चीन के पड़ोसी देश मंगोलिया में भीषण आंधी आई थी जिसके बाद से कम से कम 341 लोग लापता हैं।
चीन मौसम विज्ञान प्रशासन ने सोमवार सुबह एक पीले अलर्ट की घोषणा करते हुए कहा कि सैंडस्टॉर्म इनर मंगोलिया से गांसु, शांक्सी और हेबै के प्रांतों में फैल गए है, जिसने बीजिंग को घेर लिया है। चीन की समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, पड़ोसी मंगोलिया भी भारी रेत की चपेट में आ गया, जिसमें कम से कम 341 लोग लापता हैं। इनर मंगोलिया की राजधानी होहोट से उड़ानें भरी गई हैं।
बीजिंग शहर में जब सुबह लोग सड़कों पर निकले तो यहां का नजारा और मौसम बदला-बदला दिखा। सड़कों पर लोग अपनी साइकिल से निकले तो उन्हें कम विजिबिलिटी की वजह से दिक्कत का सामना करना पड़ा। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि चीन और मंगोलिया में उठे इस तूफान का असर अन्य पड़ोसी देशों पर भी पड़ सकता है। इस तूफान की वजह से ऊंची-ऊंची इमारतों से घिरे बीजिंग के लोगों का संकट बहुत बढ़ गया है। कुछ दूरी के बाद दिखाई नहीं दे रहा है। ट्रैफिक रेंग-रेंगकर चल रहा है। बताया जा रहा है कि अब तक बीजिंग में 400 से ज्यादा उड़ानों को रद किया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तूफान का असर जापान तक पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि चीन अपने शहरों का लगातार विस्तार कर रहा है, इससे संकट बढ़ गया है।
दुनियाभर के कई देशों में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है। पिछले साल आईक्यू एयर की एक स्टडी में दावा किया गया था कि दुनिया की 90 प्रतिशत आबादी असुरक्षित हवा में सांस ले रही है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ते प्रदूषण की वजह से क्लाइमेट चेंज जैसी घटनाएं हो रही हैं। प्रदूषण से एक साल में दुनिया भर में 70 लाख मौतें हो जाती हैं।