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इमरान ने चीन के हाथों गिरवी रख दीं जमीनें, गुलाम कश्मीर (पीओके) में भड़की बगावत

इमरान ने चीन के हाथों गिरवी रख दीं जमीनें, गुलाम कश्मीर (पीओके) में भड़की बगावत

इमरान खान की शी जिनपिंग से बेमेल जुगलबंदी का पूरे पाकिस्तान में विरोध हो रहा है। कुछ इलाकों में लोग पाकिस्तान सरकार के खिलाफ खुली बगावत पर उतर आये हैं।  इसका सबसे ज्यादा असर गुलाम कश्मीर (पीओके) में दिखाई दे रहा है। बलूचिस्तान और गिलगिट बालटिस्तान की जमीनों को गिरबी रखने के बाद अब गुलाम कश्मीर की जमीनें भी चीन को दी जा रही हैं। बहना नीलम और झेलम नदियों पर बांध निर्माणहै। बांध निर्माण का विरोध मुजफ्फराबाद में सबसे तेज देखा जा रहा है। सोमवार की रात को बड़ी संख्‍या में लोगों ने मुजफ्फराबाद शहर में मशाल जुलूस निकाला। लोगों की भीड़ नीलम-झेलम पर बांध न बनाओ और हमें जिंदा रहने दो के नारे लगा रही थी।

गुलाम कश्मीर में गुस्सा इस बात को लेकर है कि बांधों से पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचा है। साथ ही चीन उनकी जमीनों पर कब्जा कर रहा है। इमरान सरकार चीन की इस साजिश में साथ दे रही है। पाकिस्‍तान के ट्विटर पर सेव रिवर सेव एजेके (#SaveRiversSaveAJK) ट्रेंड कर रहा है। गुलाम कश्मीर के लोग यह सवाल भी कर कर रहे हैं कि किस कानून के तहत पाकिस्तान ने चीन से समझौता किया है। क्योंकि इस जमीन भारत के साथ विवाद है। पाकिस्तान विवादित जमीन पर चीन के साथ बांध कैसे बना सकता है। उन्‍होंने कहा कि नदियों पर कब्‍जा करके पाकिस्‍तान और चीन संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्‍तावों का उल्‍लंघन कर रहे हैं।

प्रदर्शनकारी अब कोहाला प्रॉजेक्‍ट की तरफ प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा है कि यह तब तक जारी रहेगा जब तक बांध निर्माण रुक नहीं जाता। दरअसल भारत के साथ लद्दाख सीमा पर तनाव के बीच चीन ने पाकिस्तान के साथ अरबों डॉलर का समझौता किया है। गुलाम कश्मीर (पीओके) के कोहोला प्रोजेक्ट भी इसी का हिस्सा है। यह लगभग 2.4 अरब डॉलर का हाइड्रो पावर प्रॉजेक्ट है। यह प्रॉजेक्ट बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव का हिस्सा है चीन इसके जरिए यूरोप, एशिया और अफ्रीका के बीच कॉमर्शियल लिंक बनाना चाहता है। चीन के बांध प्रोजेक्ट को पाकिस्तानी आर्मी का भी समर्थन हासिल है। इसीलिए गुलाम कश्मीर के लोगों में गुस्सा और बढ़ रहा है। उनका कहना है कि चीन गुलाम कश्मीर (पीओके) को भी बलूचिस्तान बना देना चाहता है।.