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कट्टरपंथियों के आगे इमरान खान ने टेक दिए घुटने, फ्रांस से रिश्ते तोड़ने और राजदूत को पाकिस्तान से निकालने पर तैयार

Imran khan

पाकिस्तान सरकार ने कट्टरपंथियों के आगे घुटने टेक दिए हैं। अब पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में फ्रांस के राजदूत को निष्कासित करने के लिए प्रस्ताव लाया जाएगा।  सरकार के इस फैसले की जानकारी गृह मंत्री शेख राशिद ने दी है। राशिद ने अपने एक वीडियो संदेश में मंगलवार को कहा कि फ्रांस को राजदूत को देश से निष्कासित करने के लिए सरकार नेशनल असेंबली में प्रस्ताव लाने के साथ ही प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान (टीएलपी) के सदस्यों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेगी। टीएलपी के हिंसक प्रदर्शन में कई पुलिसकर्मी मारे गए हैं।

 

रिपोर्ट के मुताबिक प्रतिबंधित संगठन से राशिद सहित सरकार के कई मंत्री बातचीत करेंगे। राशिद ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि धार्मिक संगठन के मुख्यालय सहित देश भर में अब विरोध-प्रदर्शन समाप्त हो जाएंगे। मंत्री ने कहा कि वह आज इस बारे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। उन्होंने कहा कि टीएलपी से बातचीत जारी रहेगी। इसके पहले टीएलपी ने बंदी बनाए गए सभी 11 पुलिसकर्मियों को रिहा कर दिया। सोमवार को देश को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान का निर्माण इस्लाम के सिद्धांतों पर हुआ। प्रधानमंत्री खान ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद के सम्मान एवं गरिमा की जहां तक बात है तो इस मामले में उनकी सरकार टीएलपी के साथ है। हालांकि, इमरान खान ने कहा कि फ्रांस के राजदूत को निष्कासित किए जाने से इस्लामोफोबिया का हल नहीं निकलेगा। उन्होंने कहा,'पश्चिम ने इस मुद्दे को अभिव्यक्ति की आजादी से जोड़ दिया है। हम यदि फ्रांस के राजदूत को वापस भेजते हैं तो कुछ यूरोपीय देश भी इसी तरह का कदम उठा सकते हैं।' उन्होंने कहा कि पाकिस्तान यदि राजूदतों को निष्कासित करता रहा तो इससे अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। इससे फ्रांस अथवा किसी और देश पर कोई असर नहीं होगा।

आपको बता दें कि कट्टरपंथी टीएएल के समर्थकों ने रविवार को एक थाने पर हमला कर पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया था। समूह अपने नेता साद रिजवी की गिरफ्तारी का विरोध कर रहा है और प्रधानमंत्री इमरान खान पर रिजवी को तुरंत रिहा करने का दबाव बना रहा है। बाद में एक वीडियो संदेश में गृहमंत्री ने कहा कि रिजवी के समर्थकों ने 11 पुलिसकर्मियों को बंधक बनाया है। उन्होंने बताया कि सरकार के साथ पहले दौर की वार्ता सफल होने के बाद पुलिसकर्मियों को छोड़ा गया है। मंत्रालय ने एक तस्वीर जारी की जिसमें दिखा कि पुलिसकर्मियों को प्रताड़ित किया गया।