पाकिस्तान के अंदरूनी हालात बेहद खराब हैं। बलूचिस्तान, गिलगिट-बाल्टिस्तान में मानवाधिकारों को ताक पर रखकर चीन को फायदा पहुंचाने वाली इमरान खान सरकार का अत्याचार एक और प्रांत में चरम पर पहुंच गया है। पाकिस्तानी सरकार के दमन से सिंध प्रांत की पहचान खतरे में पड़ गई है। सिंध प्रांत के एक निर्वासित नेता ने पाकिस्तान सरकार के अत्याचारों की पोल खोली है। सिंध प्रांत में पाकिस्तान सरकार की ओर से अवैध कब्जे किए जा रहे हैं। संसाधनों का शोषण किया जा रहा है। मानवाधिकार के लिए उठने वाली हर आवाज को खामोश किया जा रहा है।
जिये हिंद मुत्ताहिदा महज के चेयरमैन शफी बरफत सिंध प्रांत के रहने वाले हैं। लेकिन फिलहाल वो जर्मनी में निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे हैं। बरफत पाकिस्तानी कब्जे के खिलाफ लंबे समय से सिंधुदेश के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्हीं की पार्टी ने सिंध प्रांत में अलग सिंधुदेश के लिए जबरदस्त प्रदर्शन किया था।
राजनीतिक कार्यकर्ताओं को फंसाया जा रहा
बरफत के मुताबिक आंदोलन तेज होने के बाद से पाकिस्तानी सरकार का उत्पीड़न भी बढ़ गया है। सरकार ने सिंध प्रांत के कई राजनीतिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठे आरोप में एफआईआर दर्ज कर ली है। हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत दुनिया के कई बड़े नेताओं के पोस्टरों के साथ अलग सिंधुदेश की मांग करते हुए पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया था।
संस्कृति को नष्ट किया जा रहा
बरफत ने कहा, पाकिस्तानी सरकार की ओर से सिंध प्रांत में दमन किया जा रहा है। वहां की संस्कृति और पहचान को नष्ट किया जा रहा है। संसाधनों का शोषण किया जा रहा है। चीन को फायदा पहुंचाने के लिए पाकिस्तानी सरकार सिंध पर अत्याचार कर रही है।