भारत से चीनी और कॉटन के आयात का फैसला बदले जाने के बाद जो सबूत सामने आए हैं वो इमरान खान की मजबूरी की पोल खोल रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि इमरान खान ने भारत से व्यापार शुरू करने का फैसला राय शुमारी से तो किया लेकिन कट्टरपंथी ताकतों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। अब पाकिस्तानी मीडिया और पाकिस्तानी जनता इमरान खान के खिलाफ गुस्से का इजहार कर रही है। दरअसल, इमरान कैबिनेट की बैठक के बाद पहले शेख रशीद और और उसके बाद शाह महमूद कुरैशी ने बयान दिया कि भारत जब तक कश्मीर के स्टेटस पर पुनर्विचार करने का आश्वासन नहीं देती तब तक कोई व्यापार नही किया जाएगा।
ध्यान रहे, पाकिस्तानी मीडिया ने सारे सबूत दुनिया के सामने रख दिए हैं। पाकिस्तान के मंत्रियों के दावों के उलट पाकिस्तानी मीडिया ने खुलासा किया है कि भारत से कपास और चीनी आयात के फैसले को खुद पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने लिया था। इस फैसले को 26 मार्च को पीएम इमरान खान ने भारत के साथ आयात को मंजूरी दी थी। उस समय वह वित्त मंत्रालय का प्रभार देख रहे थे लेकिन जब राजनीतिक दबाव बढ़ा तो उन्हें अपने फैसले से पीछे हटना पड़ा। चूंकि भारत से आयात का फैसला इमरान खान का था, इसलिए उच्चाधिकार प्राप्त समिति (ECC) ने भी इसे अपनी मंजूरी दे दी थी। पाकिस्तानी पत्रकार नाएला इनायत पाकिस्तान के ही जाने-माने टीवी जर्नलिस्ट हामिद मीर का एक वीडियो ट्वीट किया जिसमें इमरान खान के साइन किए वो सारे दस्तावेज पेश किये हैं जिसमें भारत से काटन और चीनी खरीदने की मंजूरी दी गई है।
Select a clown, expect a circus. pic.twitter.com/PTusaCDja9
— Naila Inayat (@nailainayat) April 1, 2021
मीडिया की खबरों के अनुसार कपड़ा उद्योग पहले ही काफी संघर्ष कर रहा है। कपड़ा उद्योग का कहना है कि कपास का आयात आज समय की जरूरत है। प्रधानमंत्री इमरान खान की अगुवाई वाले मंत्रिमंडल ने गुरुवार को भारत से कपास आयात के उच्चस्तरीय समिति के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने दोहराया कि जब तक भारत जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल नहीं करता है, तब तक उसके साथ हमारे संबंध सामान्य नहीं हो सकते हैं।
पाकिस्तान के अपैरल फोरम के चेयरमैन जावेद बिलवानी के हवाले से पाकिस्तानी मीडिया ने कहा है कि कैबिनेट के फैसले से कपड़ा निर्यात उद्योग निराश है। कोविड-19महामारी की वजह से पहले से दबाव झेल रहा कपड़ा उद्योग भारत सहित दुनिया के अन्य हिस्सों से सूती धागे के शुल्क-मुक्त आयात की मांग कर रहा है। बिलवानी ने वाणिज्य सलाहकार अब्दुल रजाक दाऊद के भारत से कपास और सूती धागे के आयात की सिफारिश को समय की जरूरत करार दिया। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल को इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
पाकिस्तान ने अगस्त 2019 में जम्मू व कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद भारत संग रिश्तों को खत्म कर लिया था। अनुच्छेद 370 हटने के साथ ही जम्मू व कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हट गया था। भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर और लेह को दो केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था। हालांकि 2021 में दोनों देशों के संबंधों में थोड़ा सुधार देखने को मिला। फरवरी में एलओसी पर शांति की कोशिशें की गईं। यही नहीं पाकिस्तान दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इमरान को पत्र लिखकर शुभकामनाएं भी दीं। पाकिस्तानी पीएम ने भी इस खत का जवाब दिया।