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China से निपटने के लिए भारत-जापान ने मिलाया हाथ,इस प्लान से ड्रैगन पर कसेंगे नकेल

India-Japan Relations

India and Japan: भारतीय वायुसेना और जापान की एयर डिफेंस फोर्स ने चीन (china) की हवा टाइट करने के लिए अब कुछ अलग ही प्लान तैयार कर लिया है। दरअस, दोनों मिलकर अगले कुछ दिनों में एक ज्‍वॉइन्‍ट फाइटर ट्रेनिंग को अंजाम देने वाले हैं। राजधानी टोक्‍यो के करीब होने वाली यह ड्रिल अगले महीने यानी जनवरी 2023 में आयोजित होगी। जापान टाइम्‍स के हवाले से मिल रही खबर के मुताबिक 16 से 26 जनवरी तक होने वाला यह ट्रेनिंग कार्यक्रम अपनी तरह का यह पहला आयोजन है। पहली बार है जब जापान, भारत के साथ इस तरह की कोई ड्रिल आयोजित कर रहा है। इस मिलिट्री ड्रिल (Military exercise) के बारे में जानकारी ऐसे समय में आई है जब पिछले दिनों जापान में चीन की तरफ से कुछ जासूसी पुलिस स्‍टेशन स्‍थापित करने की खबरें आई थीं। गौरतलब है कहीं न कहीं जापान, चीन को इस ड्रिल के जरिए तगड़ा जवाब देने की तैयारी कर चुका है।

कौन-कौन से जेट

अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारतीय सेना के जवानों ने घुसपैठ करने पर चीनी सेना के जवानों को जमकर घसीटा। जापान के साथ होने वाली इस ज्‍वॉइन्‍ट ड्रिल में चार एफ-2 और चार एफ-15 फाइटर जेट्स जापान की तरफ से हिस्‍सा लेंगे। वहीं भारतीय वायुसेना के सुखोई और दूसरे जेट्स जापान पहुंचेंगे। यह ट्रेनिंग हयाकुरी एयरफोर्स बेस पर होगी जोकि इबाराकी प्रांत में है। इसके अलावा आसपास के एयरबेस पर भी इस दौरान गतिविधियां देखी जाएगी। जापान के अधिकारियों का कहना है कि इस अभ्‍यास का मकसद दोनों देशों के बीच आपसी सहमति को आगे बढ़ाना और रक्षा सहयोग को मजबूत करना है।

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जापान के लिए डराने वाली रिपोर्ट्स

हाल ही में स्‍पेन स्थित एशिया फोकस्‍ड राइट्स ग्रुप सेफगार्ड डिफेंडर्स की तरफ से दो रिपोर्ट्स आई हैं। इन रिपोर्ट्स के बाद जापान की सरकार जांच में जुट गई है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने जापान के अलावा अमेरिका, कनाडा और यूरोपियन देशों में कई जासूसी पुलिस स्‍टेशन बना लिए हैं। इन पुलिस स्‍टेशन का मकसद सरकार की गतिविधियों को देखना है। रिपोर्ट पर अगर यकीन करें तो 53 देशों में ऐसे 102 पुलिस स्‍टेशन हैं।

पिछले दिनों जापान ने एक राष्‍ट्रीय सुरक्षा रणनीति पर एक अहम डॉक्‍यूमेंट जारी किया है। जापान ने राष्‍ट्रीय सुरक्षा की नीति में बड़ा बदलाव किया है। आमतौर पर शांत देश का तमगा रखने वाले जापान ने अपने रक्षा बजट में एतिहासिक इजाफा किया है। इसमें चीन को सीधे तौर पर खतरा करार नहीं दिया गया है लेकिन यह कहा गया है कि चीन की स्थिति और उसकी सैन्‍य गतिविधियां गंभीर मसला है। ऐसे में बड़े स्‍तर पर रणनीतिक चुनौती पेश की जा रही है। जापान और अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय को यह तय करना होगा कि शांति कायम रहे।