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Pakistan यूनाइटेड नेशंस में फिर एक बार शर्मसार, कश्मीर मुद्दे पर नहीं मिला किसी का साथ, भारत ने जमकर फटकार लगाई

यूनाइटेड नेशंस में पाकिस्तान को मिली फटकार

दुनिया में कथित इस्लामोफोबिया के नाम पर आतंकवाद को प्रोत्साहन देने वाली हरकतों पर भारत ने पाकिस्तान को न केवल खरी-खरी सुनाई बल्कि पाकिस्तान को दुनिया भर के सामने एक बार फिर से बेनकाब कर दिया है। पाकिस्तान ने फिलिस्तीन का बहाना लेकर कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र में फिर वही पुराना राग अलापा था। भारत ने कहा कि पाकिस्तान से केवल एक ही अपेक्षा है कि वो एक सामान्य पड़ोसी की तरह व्यवहार करे। बातचीत शुरू करने के लिए पाकिस्तान को ही आतंकमुक्त वातावरण बनाना होगा। पाकिस्तान को इस मुद्दे को बार-बार उठाने पर तुर्की के अलावा किसी और देश का समर्थन न मिलने से साफ हो गया है कि पाकिस्तान के झांसे में अब दुनिया नहीं आने वाली है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के सलाहकार आर मधु सूदन ने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध चाहता है। हमारा लगातार यह पक्ष रहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी मुद्दे को आतंकवाद से मुक्त माहौल में द्विपक्षीय और शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जाना चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की महासभा में वार्षिक रिपोर्ट पर एक बहस के दौरान भारत ने शुक्रवार को कहा कि वह पाकिस्तान के साथ 'सामान्य पड़ोसी संबंध' चाहता है और यह इस्लामाबाद पर निर्भर है कि वह 'विश्वसनीय, सत्यापन योग्य' कार्रवाई करके एक अनुकूल माहौल बनाने के लिए अपने नियंत्रण में किसी भी क्षेत्र को सीमा पार आतंकवाद के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति न दे।बहस के दौरान नई दिल्ली ने भारत के आंतरिक मामले यानी कश्मीर के मसलों को उठाने के लिए पाकिस्तान को फटकार भी लगाई।

संयुक्त राष्ट्र महासभा की 78वीं बैठक में सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट पर भारत का बयान देते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के काउंसलर आर. मधु सूदन ने कहा कि पाकिस्तान लगातार नाटक करता रहा है, जो इस प्रतिष्ठित मंच की गरिमा के अनुरूप नहीं है। भारत की यह टिप्पणी संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत मुनीर अकरम द्वारा बहस के दौरान महासभा में कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने के बाद आई है।

मधु सूदन ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान लगातार नाट्य प्रदर्शन करता रहा है, जो इस प्रतिष्ठित मंच की गरिमा के अनुरूप नहीं है। यह स्पष्ट हो गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय अब इस पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के बहकावे में नहीं आएगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों के संबंध में भारत की संसद द्वारा लिया गया निर्णय भारत के आंतरिक मामले हैं। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच के मुद्दों को 'आतंक, शत्रुता और हिंसा से मुक्त वातावरण' में द्विपक्षीय और शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाना चाहिए।