भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद निरोधी समिति का अध्यक्ष बनाए जाते ही पाकिस्तान थर-थर कांप रहा है। पाकिस्तान को जब अपने बचने की राह नहीं सूझी तो उसने भारत के खिलाफ झूठ बोलने का अभियान शुरू कर दिया है। यूएन में पाकिस्तान के प्रतिनिधि मुनीर अकरम को जब कुछ नहीं मिला तो उन्होंने आरएसएस पर आतंकवादी संगठन होने का आरोप लगा दिया है। हालांकि, वो आरएसएस खिलाफ कोई भी सुबूत नहीं दे पाए। मुनीर ने यूएन में कश्मीर पर परंपरागत ढंग से झूठ बोलने का अभियान जारी रखा। पाकिस्तान संभवतः उस तकनीकि पर काम कर रहा है जिसमें अगर एक झूठ को सौ बार कहा जाए तो एक सौ एक वीं बार सच जैसा दिखने लगता है। लेकिन पाकिस्तान यह नहीं जानता चोर कोतवाल को डांटने की एक्टिंग कर सकता है, कोतवाल के सामने आने पर चोर को उलटे पैर वापस भागना पड़ता है या फिर जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ता है। जब-जब पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ झूठ बोला है भारत ने दुनिया के सामने ऐसे सुबूत रख दिए हैं जिनसे उसके माथे पर लगी आंतकवादियों के आका की मुहर का रंग और गहरा हो जाता है।
बहरहाल, युक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत मुनीर अकरम ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में दुनियाभर के हिंसक राष्ट्रवादी समूहों को आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग की। उन्होंने अपने भाषण के दौरान बीजेपी और भारत में हिंदू-मुसलमान का राग भी अलापा, लेकिन अपने देश के अल्पसंख्यकों के हालात पर चुप्पी साधे रखी।
पाकिस्तानी राजदूत ने कहा कि हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी बीजेपी हिंदुत्व विचारधारा को मानती है। अकरम ने यहां तक कहा कि बीजेपी अपने देश के मुस्लिमों को धमकी भी देती है। खुद के लोगों पर फौज से हमले करवाने वाले पाकिस्तान ने यूएएनएससी को हिंसक राष्ट्रवाद के उदय को रोकने के लिए सुझाव देने की हिमाकत भी कर दी।
पाकिस्तान ने अपने सुझाव में यूएनएससी से मांग करते हुए कहा कि वह सभी देशों से अपने यहां के हिंसक राष्ट्रवादी संगठनों को आतंकवादी संगठन के रूप में नामित करने के लिए कहे। इसमें श्वेत वर्चस्व, अन्य नस्लीय और जातीय रूप से प्रेरित समूहों को भी शामिल किया जाए। इसके अलावा पाकिस्तान ने कहा कि इन समूहों की हिंसक विचारधाराओं, भर्ती और वित्तपोषण पर तत्काल रोक लगाई जाए।.