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भारत के हाथों चीन को मिली करारी हार, देखें कहां और कैसे चित हुआ ड्रैगन

भारत के हाथों चीन को मिली करारी हार, देखें कहां और कैसे चित हुआ ड्रैगन

चीन को एकबार फिर भारत से करारी हार का स्वाद चखना पड़ा है। यह युद्ध का मैदान तो नहीं लेकिन उससे कुछ कम भी नहीं है। भारत ने यूनाईटेड नेशंस के निकाय चुनाव की सुरक्षित सीट पर चीन को हराकर कब्जा कर लिया है। यूएन निकाय में भारत की इस जीत से बीजिंग में सन्नाटा पसर गया है। भारत को इकोनॉमिक एन्ड सोशल काउन्सिल (इकोसोक) की संस्था यूनाइटेड नेशन कमीशन ऑन स्टेट्स ऑफ वूमेन (यूएनसीएसडब्लू) का सदस्य चुना गया है।

इस बारे में यूएन में भारत के राजदूत टीएस त्रिमूर्ति ने ट्वीट किया, “भारत ने प्रतिष्ठित इकोसोक निकाय में सीट जीती। भारत को महिलाओं की स्थिति पर आयोग (सीएसडब्ल्यू) का सदस्य चुना गया है। यह हमारे सभी प्रयासों में लैंगिक समानता और महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए हमारी प्रतिबद्धता का एक महत्वपूर्ण समर्थन है। हम सदस्य राज्यों को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देते हैं।

भारत 2021 से 2025 तक चार वर्षों तक यूएनसीएसडब्लू का सदस्य रहेगा। महिलाओं की स्थिति को लेकर बनाया गया आयोग मुख्य संयुक्त राष्ट्र अंगों में से एक इकोसोक का एक कार्यात्मक आयोग है। यूएनसीएसडब्लू को लैंगिक समानता और महिलाओं के सशक्तीकरण को बढ़ावा देने वाले संयुक्त राष्ट्र अंग के रूप में माना जाता है।

भारत, चीन और अफगानिस्तान ने यूएनसीएसडब्ल्यू पर आयोग के लिए चुनाव लड़ा था। जहां भारत और अफगानिस्तान ने 54 सदस्यों के बीच मतपत्र जीता वहीं चीन आधा समर्थन भी हासिल नहीं कर सका। यह साल बीजिंग वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस ऑन वीमेन (1995) की 25 वीं वर्षगांठ है। इससे पहले 18 जून, 2020 को भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में गैर-स्थायी सदस्यों में चुना गया।

भारत को इसमें 192 में से 184 मतों का भारी बहुमत मिला था, इसले लिए न्यूनतम 128 मतों के समर्थन की आवश्यकता थी। यह आठवीं बार था जब भारत यूएनएससी के लिए चुना गया था। भारत ने इससे पहले सात बार इस जिम्मेदारी को निभाया है। भारत एशिया-प्रशांत समूह में इकलौता उम्मीदवार था। क़रीब एक दशक के बाद परिषद में भारत की 2021 से वापसी होगी। यूएनएससी में भारत ने आखिरी बार 2011 और 2012 में सेवा दी थी।.