एक सैन्य अभ्यास के दौरान गायब हुई इंडोनेशिया की पनडुब्बी को तलाशने के लिए इंडियन नैवी ने अपना बचाव अभियान भेज दिया है। इंडोनेशिया की नेवी भारतीय नेवी की रणनीतिक साझीदार है। भारत ने इस अभियान दल के साथ डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू वेसल भेजा है। यह वेसल दुनिया के चुनिंदा देशों की नेवी के ही पास है। इस हादसे में साजिश की बू इसलिए मानी जा रही है क्यों कि इंडोनेशिया उन देशोमें से एक है जिसने चीन के खिलाफ क्वाड में शामिल होने और सहयोग करने की पहल की है।
इंडोनेशियाई नौसेना की लापता पनडुब्बी का पता लगाने के अभियान में मदद के लिए भारतीय नौसेना ने गुरुवार को समुद्र की गहराई में बचाव अभियान चलाने में सक्षम अपने पोत को तैनात कर दिया है। लापता पनडुब्बी में 53 लोग सवार हैं। इंडोनेशियाई अधिकारियों के मुताबिक जर्मनी में बनी पनडुब्बी ‘केआरआई नांग्गला-402’ बुधवार को उस समय लापता हो गई, जब यह बाली जलडमरूमध्य में सैन्य अभ्यास पर थी।
भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने बताया कि ‘डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू वेसल (DSRV) इंडोनेशियाई नौसेना की लापता पनडुब्बी की तलाश में मदद करने के लिए विशाखापत्तनम से रवाना हो गया। भारतीय नौसेना ने DSRV को भेजने का फैसला इंटरनेशनल सबमरीन एस्केप ऐंड रेस्क्यू लायजन ऑफिस (आईएसएमईआरएलओ) द्वारा इंडोनिशयाई पनडुब्बी के लापता होने का अलर्ट जारी करने के बाद किया। खबर के मुताबिक लापता पनडुब्बी बाली से 25 मील उत्तर में सैन्य अभ्यास कर रही थी।
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने बताया, ‘भारतीय नौसेना ने इंडोनेशियाई पनडुब्बी केआरआई नंग्गला के तलाशी अभियान में मदद करने के लिए अपने डीएसआरवी को गुरुवार को रवाना किया।’ उन्होंने बताया कि भारत दुनिया के कुछ चुनिंदा देशों में शामिल है जो डीएसआरवी की मदद से निष्क्रिय पनडुब्बी की तलाश कर सकता है। मधवाल ने बताया कि भारतीय नौसेना की डीएसआरवी प्रणाली 1000 मीटर की गहराई में मौजूद पनडुब्बी का पता भी आधुनिक स्कैन सोनार सिस्टम (एसएसएस) और रिमोट से संचालित वाहन (आरओवी) की मदद से लगा सकती है।
उन्होंने बताया कि पनडुब्बी का सफलतापूर्वक पता लगाने के बाद डीएसआरवी का एक उप मॉड्यूल- सबमरीन रेस्क्यू व्हीकल (एसआरवी) डूबी पनडुब्बी के पास फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए जाता है। एसआरवी का इस्तेमाल पनडुब्बी में फंसे लोगों को आपात आपूर्ति करने के लिए भी किया जा सकता है। भारत और इंडोनेशिया के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत दोनों देशों की नौसेना के बीच परिचालन में मजबूत सहयोग एवं साझेदारी है।