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Israel Army में है गुजरात की शेरनी Nitsha Muliyasha, पलक झपकते ही कर देती है हमास के आतंकियों का खात्मा

Israel Army में शामिल गुजरात की Nitsha Muliyasha को मिली है अत्‍याधुनिक हथियारों की ट्रेनिंग

इजरायल में नई सरकार की गठन के बाद मंगलवार रात को इजरायली डिफेंस फोर्स ने गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों पर हवाई हमले किए। सीमावर्ती इलाकों में फिलिस्तीनी एन्क्लेव से आग लगाने वाले गुब्बारे छोड़े जाने के बाद इजरायल ने ये हमले किए। इजरायल-हमास के बीच इस तरह की बमबारी, रॉकेट हमले आम हो चुके हैं, लेकिन बुधवार के स्ट्राइक में जो एक खास बात सामने आई वो यह की इजरायल की जिस टीम ने इसे अंजाम दिया, उसमें एक भारतवंशी युवती भी शामिल रही।

इस भीषण हमले में गुजराती मूल की 20 वर्षीय नित्शा मुलियाशा, इजरायल डिफेंस फोर्सेज टीम (IDF) का हिस्सा थीं। नित्सा मुलियाशा मूल रूप से राजकोट के मनावदार तालुका के एक गांव कोठाडी की रहने वाली हैं। अब तेल अवीव में बसीं नित्सा इस्राइल की सेना में भर्ती होने वाली पहली गुजराती लड़की हैं। उनके संघर्ष की कहनी को लेकर उनके पिता जीवाभाई मुलियाशा का कहना है कि यह सब इजरायली शिक्षा प्रणाली की बदौलत संभव हुआ है।

हमास पर बम बरसा रही नित्सा मुलियाशा को मिली है अत्‍याधुनिक हथियारों की ट्रेनिंग

नित्शा के पिता ने बताया कि स्कूली शिक्षा के दौरान बच्चों के रुझान और कौशल की दक्षता जांचने के लिए कई सारे टेस्ट होते हैं, जिससे उनको उचित पाठ्यक्रम और करियर चुनने में सहूलियत होती है। रिपोर्ट के मुताबिक नित्सा को आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल करने और युद्ध के मैदान में बहुआयामी क्रियाकलापों को अंजाम देने की ट्रेनिंग मिली हुई है। उनके पिता ने बताया कि दो साल चार महीने की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद फौजियों को पांच साल या 10 साल का अग्रीमेंट साइन कराया जाता है। इसके तहत वे मेरिट के आधार पर अपनी पसंद का कोई भी कोर्स, इंजिनियरिंग, मेडिसिन या अन्य चुन सकते हैं। इजरायल की सेना उनकी शिक्षा का सारा खर्च उठाती है।

​नित्सा की छोटी बहन भी इजरायली सेना में

नित्सा ही नहीं बल्कि उनकी छोटी बहन रिया भी इजरायली सेना में हैं, उन्होंने इसी साल 12वीं पास करने के बाद आर्मी जॉइन किया है। उनकी फिलहाल ट्रेनिंग चल रही है। नित्सा के पिता ने बताया कि पिछले दो साल के दौरान उनकी बेटी लेबनान, सीरिया, जॉर्डन और इजिप्ट बॉर्डर पर भी तैनात रह चुकी है। फिलहाल वह इजरायली सेना के साथ गश डैन में तैनात है। नित्सा के पिता जीवाभाई अपने भाई के साथ बहुत साल पहले तेल अवीव पहुंचे थे। वहां दोनों भाइयों ने कारोबार शुरू किया। जीवाभाई का वहां जनरल स्टोर है।

18 साल की उम्र के बाद सभी को इजरायली सेना में भर्ती होना अनिवार्य

बताते चलें कि, इजरायल में 18 साल की उम्र से ऊपर के सभी लोगों को सैन्य प्रशिक्षण हासिल करना अनिवार्य है। चारों तरफ से शत्रुओं से घिरे होने की वजह से इजरायल सरकार ने सैन्‍य प्रशिक्षण अनिवार्य कर रखा है।

इस वजह से दूबरा इजरायल ने हमास पर किया हमला

दरअसल, इजरायल-फलस्‍तीन में संघर्ष विराम के बाद हमास में छुपे बैंठे आतंकियों ने हमला करने का नया तरिका निकाला, वो इजरायल पर कॉन्डम और पतंग बम से हमले शुरू किए, इसके कारण हमास से सटे इजरायल के क्षेत्रों में कई लोग इसके निशानों पर आ रहे हैं, कहीं जगहों पर आग लगी तो कहीं जगहों पर खेती को भारी नुकसान पहुंच है। यहां तक कि गुब्बारे और पतंग को पाने की लालच में जब बच्चे इसे छुते हैं तो यह विस्फोट हो जाता है और इसकी चपेट में अब तक कई बच्चे भी आ चुकी है। हमास के इन्हीं सब हरकतों के बाद इजरायल फिर से उसके आतंकी ठिकानों पर हमला करना शुरू कर दिया। इजरायली मीडिया ने दावा किया है कि सेना ने गाजा की ओर से लगातार तीसरे दिन विस्‍फोटकों से भरे गुब्‍बारे छोड़े जाने के बाद यह कार्रवाई की गई है।