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भारत ने QUAD में पकड़ी China की कमजोर नस तो झटपटा उठा ड्रैगन, विदेश मंत्री ने कहा- पूरी दुनिया को पता चलना चाहिए…

QUAD में भारत ने ऐसा क्या कहा कि बौखला उठा चीन

चीन कई देशों की सीमाओं में जबरन कब्जा करते रहा है, लेकिन अब उसकी हरकतों पर लगाम लगाने के लिए दुनिया के कई बड़े देश एक साथ आ गए हैं। चीन ने कई देशों के नाक में दम कर रखा है। जमीन तो जमीन यहां तक कि हिंद-प्रशांत में भी चीन अपनी घुसपैठ का दायरा बढ़ाते जा रहा है। यहीं पर चीन को सबक सिखाने के लिए भारत ने चार देशों संग ऐसी चाल चली है कि ड्रैगन अभी से फड़फड़ाने लगा है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि, चीन इस वक्त पूरी दुनिया के लिए चींता का विषय बन गया है।

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फिलीपींस और ऑस्ट्रेलिया के छह दिवसीय दौरे गए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर इस वक्त ऑस्ट्रेलिया में हैं। यहां उन्होंने क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लिया। साथ ही द्विपक्षीय संबंधों को लेकर ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि, मैं ऑस्ट्रेलिया सरकार द्वारा सीमाओं को खोलने के फैसले का स्वागत करता हूं, जिससे उन लोगों की मदद मिलेगी जो भारत में वापस आने का इंतजार कर रहे हैं, विशेष रूप से छात्रों और अस्थायी वीजा धारकों को। इस कदम की सराहना की जानी चाहिए।

इसके आगे उन्होंने कहा कि, हम इंडो-पैसिफिक में व्यापक समावेशी विकास सुनिश्चित करते हुए अधिक विश्वसनीय और लचीला आपूर्ति श्रृंखला बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमने आतंकवाद और उग्रवाद के बारे में भी चिंताओं को साझा किया है। सीमा पर आतंकवाद को लेकर हम गंभी हैं। बहुपक्षीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाने और आतंकवाद विरोधी सहयोग को बढ़ावा देने का हमारा साझा प्रयास है। हमने (क्वाड) में भारत चीन संबंधों पर चर्चा की क्योंकि यह इस बात का हिस्सा था कि हमारे पड़ोस में क्या हो रहा है। इस बारे में हमने एक दूसरे को जानकारी दी। यह एक ऐसा मुद्दा है जिसमें बहुत से देश वैध रूप से रूचि लेते हैं, खासकर अगर वे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र से हैं।

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इसके आगे उन्होंने कहा कि, चीन द्वारा 2020 में सीमा पर भारी सुरक्षा बलों की तैनाती ना करने के लिखित समझौतों की अवहेलना के कराण यह स्थिति उत्पन्न हुई। जब एक बड़ा देश लिखित प्रतिबद्धताओं की अवहेलना करता है, तो यह पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया संग जारी संबंधों को लेकर कहा कि कोविड के इस बहुत कठिन दौर में भी दोनों देशों के बीच लगातार बहुत सी चर्चाएं हुई हैं, जो हमारे संबंधों में आए बड़े परिवर्तन को दर्शाती हैं।