तालिबान के कब्जा के बाद से अफगानिस्तान में स्थिति बेहद ही खराब होते जा रही है, देश बड़ी आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। जनता सड़कों पर आ गई है यहां तक कि लोग अपना जीवन चलाने के लिए अपने घरों का किमती सामना तक बेच रहे हैं। इन सब के बवजूद तालिबान खुश है, और उसके साथ कुछ देश भी उसकी खुशी में झूम रहे हैं। लेकिन अब तालिबान को उसके एक पड़ोसी देश ने बड़ा झटका देते हुए आरोप लगाया है और साथ ही बताया है कि वो तालिबान की अंतरिम सरकरा से खुश नहीं है।
दरअसल, ईरान ने कहा है कि, वो अफगानिस्तान में बनाई गई तालिबान की अंतरिम सरकार से खुश नहीं है। इसके साथ ही ईरान ने सोमवार को आरोप लगाते हुए कहा है कि, पड़ोसी देश अफगानिस्तान में पिछले सप्ताह घोषित तालिबान की अंतरिम सरकार देश की आबाधी की प्रतिनिधि नहीं है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैद खातीबजादेह ने कहा कि, ये निश्चित रूप से समावेशी सरकार नहीं है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय समुदाय और ईसार उम्मीद कर रहे थे।
तेहरान में एक न्यूज कॉन्फ्रेंस में बात करते हुए उन्होंने कहा कि, हमें वास्तव में इंतजार करना होगा और देखना होगा कि तालिबान अंतरराष्ट्रीय मांगों पर कैसे प्रतिक्रिया देता है। बता दें कि, देश में अभी 35 लाख अफगान शरणार्थी रहते हैं और तालिबान की वापसी के बाद से ईरान को डर है कि शरणार्थियों की एक बड़ी आबादी फिर से देश में प्रवेश कर सकती है।
बताते चलें कि, संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख ने भी सोमवार को कहा कि, तालिबान अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों और समावेशिता को लेकर किए अपने वादे तोड़ रहा है। इसके साथ ही उन्होंने प्रदर्शनाकारियों के खिलाफ हिंसा और कथित प्रतिशोध की हत्याओं की आलोचना की। उन्होंने कहा कि, इस बात के सबूत हैं कि अफगान सुरक्षा बल के पूर्व सदस्यों की हत्या की गई है। पिछली सरकार में काम करने वालों लोगों को हिरासत में लिया गया और बाद में उनको मार दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि, पूर्व अधिकारियों की घर-धर तलाशी की जा रही है और प्रदर्शनकारियों एवं पत्रकारों के खिलाफ हिंसा की जा रही है।
बता दें, तालिबान के आने से अफगानिस्तान में लोगों का हाल बुरा हैं, महिलाओँ के ऊपर अत्याचार बढ़ गए हैं। तालिबानी 12 से 45 साल की महिलाओँ को जंग में जीता हुआ तोहफा समझ कर उनके साथ शादी और रेप कर रहे हैं। इसके साथ ही महिलाओँ को चुश्त कपड़े पहनने पर सजा दी जा रही है या फिर उन्हें सरेआम गोली मार दी जा रही है। वहीं, तालिबान ने पिछले हफ्ते अफगानिस्तान में जो अंतरिम सरकार बनाई उसमें कई संयुक्त राष्ट्र की वांटेड आतंकी सूची में शामिल हैं।