नौकरी होते हुए भी दो जून की रोटी को तरस रहे पाकिस्तान के सरकारी कर्मचारियों पर इमरान खान की लाठी-डंडों से पीटा बूटों से कुचला गोले दागे। इन सरकारी कर्मचारियों का कसूर सिर्फ इतना था कि वो अपने परिवारों और बच्चों का पेट भरने के लिए अपनी पगार मांग रहे थे। पाकिस्तान की इमरान सरकार विदेशों से कर्जा लेकर बम बारूद और आतंकियों पर करोड़ो और अरबों डॉलर खर्च कर रही है लेकिन भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके सरकारी कर्मचारियों को पगार नहीं दे पा रही है।
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद युद्ध के मैदान जैसी लग रही थी। हालत यह हो गई कि पूरा इलाका आंसू गैस के गोले से निकले धुएं से भर गया। ये प्रदर्शनकारी इस्लामाबाद के प्रतिबंधित रेड जोन इलाके में घुसने की कोशिश कर रहे थे। इस्लामाबाद पुलिस ने शहर में घुसने के लिए जरूरी हाइवे को बंद कर दिया ताकि प्रदर्शन देश में घुस न सकें।
Naya Pakistan alert: Police resorted to tear gas shelling against govt employees protesting for a pay rise in Islamabad. Several employees arrested. pic.twitter.com/8omgL4MTQn
— Naila Inayat (@nailainayat) February 10, 2021
वहीं, पुलिस की इस नासमझी की वजह से हाइवे पर जाम लग गया और काम से घर लौट रहे लोगों को घंटों फंसे रहना पड़ा। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राजधानी इस्लामाबाद के इतिहास में पहली बार इतना हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ। इमरान सरकार ने सैलरी को लेकर लापरवाही बरती और इसका नतीजा हुआ कि कर्मचारियों के सब्र का बांध टूट गया।
इससे पहले एक विशेष कमिटी बनी जिसमें इमरान खान सरकार के शीर्ष मंत्री शामिल थे। इस कमिटी ने प्रधानमंत्री इमरान खान को चेतावनी दी थी कि जल्द से जल्द सरकारी कर्मचारियों के वेतन के मुद्दे सुलझाया जाए नहीं तो गंभीर समस्या पैदा हो सकती है। इमरान खान ने लापरवाही बरती और वही हुआ जिसका डर था। इसके बाद लाठी और बंदूकों के दम पर सबको दबाकर रखने वाली पाकिस्तानी सरकार के इशारे पर पुलिस ने इन निहत्थे कर्मचारियों के ऊपर न केवल आंसू गैस के गोले दागे, बल्कि लाठीचार्ज कर खदेड़ने की कोशिश की। यह प्रदर्शन राजधानी इस्लामाबाद के सचिवालय ब्लॉक, कैबिनेट ब्लॉक और कॉन्स्टिट्यूशन एवेन्यू सहित कई इलाकों में किए गए। इस्लामाबाद के नेशनल प्रेस क्लब के बाहर भी बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया। इसमें बलूचिस्तान और पंजाब में तैनात कर्मचारी भी शामिल थे। बाद में प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन की ओर मार्च शुरू किया। जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागते हुए लाठियां भांजी।