'छह दिन हो चुके हैं इजराइल ने गाजा में तबाही मचा दी है। अलजजीरा और एपी के दफ्तर वाली 12 मंजिली इमारत को इजराइली फोर्सेस ने जमींदोज कर दिया। इजराइली लड़ाकू जहाजों ने हमास के सरगना के घर को उड़ा दिया। इसके बाद भी तुर्की और पाकिस्तान जैसों को छोड़कर बाकी मुस्लिम देश अगर चुप हैं तो यह साबित होता है कि अरब और अन्य मुस्लिम देश आतंक के खिलाफ हैं। एक बात और इजराइल ने हमास पर हमले से पहले हमास की आतंकी गतिविधियों के बारे में अरब देशों को अवगत करा दिया था।'
इजराइल और हमास के बीच छिड़ा संघर्ष छठे दिन में प्रवेश कर गया है। इसके बावजूद अभी इस युद्ध के रुकने की कोई संभावना दिखाई नहीं दे रही है। शनिवार मध्य रात्रि को एक बार फिर हमास ने मध्य और दक्षिण इजराल पर 300 से ज्यादा रॉकेट दागे। हांलाकि, इन रॉकेटों में से अधिकांश को इजराइल के आयरन डोम ने हवा में ही नष्ट कर दिया। हमास के हमले में एक शख्स की मौत हुई है और कुछ इजराइली नागरिकों के घायल होने की खबर है।
हमास के इस हमले के जवाब में इजराइल ने गाजा में हमास के चीफ याह्या सिनवर को घर को एयर स्ट्राइक में उड़ा दिया है। ऐसी आशंका है कि इस हमले में हमास के कई आतंकी मारे गए हैं। इससे पहले शुक्रवार को हमास ने एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी में अपने संपर्क सूत्रों के जरिए इजराइल से युद्ध विराम का संदेश भिजवाया था।
इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा है कि इस बार हमास को इस काबिल ही नहीं छोड़ेंगे कि वो अगली बार फिर सिर उठा सके। नेतन्याहू ने कहा कि इजराइली आर्मी सिविलियंस पर कभी हमले नहीं करती। सिविलियन को हमले से बचने के लिए पर्याप्त समय दिया जाता है। इजराइली सेना की कार्रवाई पर उंगली उठाने वालों से नेतन्याहू ने सवाल किया कि कोई आर्मी अपने दुश्मनों पर हमला करने से पहले बताती है क्या, क्या कोई आर्मी दुश्मन की रिआया से अपील करती है कि हम दुश्मन के अड्डों को तबाह करने जा रहे हैं, आप निर्दोष हो तो इलाका खाली कर दो।
नेतन्याहू ने कहा है कि हमारे निशाने पर बेकसूर सिविलियंस नहीं केवल आतंकी है। हमास के आतंकियों ने सिविलिन एरिया में अपने अड्डे बना रखे हैं। इजराइली आर्मी सिर्फ उन्हीं ठिकानों को निशाना बना रही है जहां से इजराइल पर बम और रॉकेट दागे जा रहे हैं। नेतन्याहू ने कहा है कि ये हमले हमास को नेस्तनाबूद करने तक जारी रहेंगे।
एक बात ध्यान देने काबिल है कि तुर्की और पाकिस्तान के अलावा किसी भी बड़े देश ने हमास पर इजराइली हमलों के खिलाफ कुछ नहीं कहा है। दरअसल, अरब देश भी युदध् और आतंकवाद के खिलाफ हैं। इजराइल ने डिप्लोमेटिक चैनल्स के जरिए हमास को तुर्की-पाकिस्तान जैसे देशों की मदद का खुलासा कर दिया है। सच्चाई सामने आने के बाद सभी ने चुप्पी साध ली है।