क्या चीन की कम्युनिस्ट सरकार के मुखिया <a href="https://en.wikipedia.org/wiki/Xi_Jinping"><strong>शी जिनपिंग</strong></a> जैक मा से उनकी जिंदगी भर की कमाई को हथियाना चाहते थे? या शी जिनपिंग को <span style="color: #333399;"><strong>जैक मा</strong></span> से खतरा हो गया था, इसलिए चीन की सरकार ने जैक मा को गायब करवा दिया। जैक मा केवल चीन की बड़ी हस्ती नहीं बल्कि उनका डंका दुनिया भर में बोलता है। जैक मा का गायब होना चीन की सरकार के लिए भारी पड़ सकता है। अमेरिकी अखबार लिख रहे हैं कि चीन की सरकार जैक मा से उपभोक्ताओं की डाटा छीनना चाहती थी। जैक मा के इनकार करने पर कम्यूनिस्ट सराकर ने उन्हें गायब करवा दिया।
मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक उपभोक्ताओं के डेटा के लिए चीन सरकार जैक मा को बाध्य कर रही थी जिसका वह लंबे समय से विरोध कर रहे थे। दरअसल, चीन के वित्तीय नियामक चाहते थे कि जैक मा की कंपनी एंट ग्रुप अपने करोड़ों ग्राहकों का कंज्यूमर क्रेडिट डेटा उसे सौंप दे। चीनी रेगुलेटर्स के इस दबाव और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ विवाद के बाद जैक मा के पास बहुत कम ऑप्शन बचे थे। रिपोर्ट में चीनी अधिकारियों के हवाल से कहा गया है कि चीन की सरकार को इस बात की चिंता थी कि जैक मा अपने बिजनस को लगातार बढ़ाना चाहते हैं लेकिन उनका ध्यान वित्तीय खतरे को नियंत्रित करने की ओर कम था जो कि देश का लक्ष्य है।
चीन के रेगुलेटर्स का कहना था कि एंट ग्रुप पर्सनल डेटा की मदद से व्यापार में इसका गलत फायदा उठा रहा है। जैक मा अपने एप के जरिए लोगों को लोन दिलवाते थे और मध्यस्थ के रूप में पैसा कमाते थे जबकि कर्ज का सारा रिस्क बैंकों का होता था। इस ऐप को करीब 50 करोड़ लोग इस्तेमाल करते हैं। उनकी आदतों, उधार लेने की प्रवृत्ति और लोन चुकाने का पूरा डेटा जैक मा के पास है।
सरकारी अधिकारियों के मुताबिक इस बिजनस मॉडल से जैक मा को फायदा हो रहा था लेकिन इससे चीन के वित्तीय सिस्टम को खतरा पैदा हो सकता था। इसके बाद चीनी अधिकारियों ने जैक मा के बिजनस मॉडल को बदलने का प्रयास किया और डेटा पर उनके एकाधिकार को तोड़ना चाहा। उधर, एंट ग्रुप ने इस पर अभी कोई बयान नहीं दिया है। बताया जा रहा है कि जैक मा ने डेटा देने से मना कर दिया था।.