केवल बलोचिस्तान और सिंध ही नहीं जम्मू-कश्मीर और गिलगिट बालटिस्तान के लोग भी पाकिस्तान से आजादी और भारत के साथ विलय की आवाज खुले आम बुलंद करने लगे हैं, लेकिन किसी के कान पर जूं नहीं रेंग रही है। गुलाम कश्मीर (पीओके) में तो रैलियों में ऐलान किया जा रहा है। इन रैलियों में जम्मू-कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट के अलावा कई सियासी जमात शामिल रहीं। खास बात यह है कि भारत के साथ जाने का ऐलान कथित जम्मू-कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट के नेताओं ने किया है। जेकेएलएफ के नेताओं ने कहा है कि वो किसी विभाजन या एलओसी को नहीं मानते 1947 से पहले जैसे पूरा कश्मीर भारत का हिस्सा था आज भी वैसा ही है।
ऐसी ही एक रैली ठीक उसी जगह की गई जहां पांच फरवरी को पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने रैली की थी। पाकिस्तान से आजादी और भारत के साथ जाने के ऐलान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो के वायरल होने से पाकिस्तान सरकार की नींद हराम हो रही है।
"Like the way the people of occupied Kashmir got disillusioned with Pakistan after the lockdown (of 5 August, 2019) and decided to go with India, we (the people of AJK) will also join India. We won't accept any division of the state."
That is JKLF for you. pic.twitter.com/6ceAZJKJBT
— Jammu & Kashmir Memes Front – JKMF (@JKMemesFront) March 1, 2021
गुलाम कश्मीर (पीओके) के लोगों ने इमरान खान सरकार के खिलाफ बगावत की आवाज बुलंद करते हुए भारत के साथ जाने का ऐलान किया है। एक रैली के दौरान पीओके के कई सियासी दलों ने मंच से खुलेआम ऐलान किया कि अब हमें पाकिस्ताान के साथ नहीं रहना है। इस रैली का एक वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। जिसमें कई राजनीतिक दलों के नेता पाकिस्तान सरकार को जमकर खरी खोटी सुना रहे हैं।
जानकारी मिली है कि यह रैली गुलाम कश्मीर (पीओके) के कोटली में 11फरवरी 2021को हुई थी। यह रैली उसी जगह हुई जहां कुछ ही दिन पहले पांच फरवरी को इमरान खान ने एक बड़ी रैली को संबोधित किया था। 11फरवरी वाली रैली में जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के गुलाम कश्मीर (पीओके) का शीर्ष सियासी नेतृत्व भी मौजूद था।
जेकेएलएफ के बड़े नेता ताकीर गिलानी ने इस दौरान मंच से कहा कि जिस तरह से 5अगस्त 2019को लॉकडाउन (अनुच्छेद 370का अंत) के बाद कश्मीर के लोगों का पाकिस्तान से मोहभंग हो गया और उन्होंने भारत के साथ जाने का फैसला किया। उसी तरह से हम लोग (पीओके के निवासी) भी भारत में शामिल होंगे। हम किसी भी विभाजन को स्वीकार नहीं करेंगे।
जेकेएएफ के एक अन्य नेता ने कहा कि हम पाकिस्तान के कारण आजादी से वंचित रहे हैं, भारत से नहीं। भारत ने हमारी आजादी नहीं छीनी, यह पाकिस्तान ने किया। भारत हमारी आजादी की लड़ाई में मदद करने के लिए बाध्य है।
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर या पीओके जम्मू कश्मीर का वो हिस्सा है जिसपर पाकिस्तान ने 1947 के युद्ध में कब्जा कर लिया था। पाकिस्तान इसे आजाद कश्मीर कहता है। कहने के लिए यहां पर अलग सरकार है लेकिन इसका प्रशासन पाकिस्तान सरकार ही चलाती है। आजादी से पहले यह हिस्सा जम्मू और कश्मीर राज्य का हिस्सा हुआ करता था। पीओके की सीमाएं पाकिस्तान के पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत से लगती हैं। पूर्व में इसकी सीमा कश्मीर के मिलती है जिसे लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) कहा जाता है।