जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन अटैक का पर्दाफाश होते ही पाकिस्तान ने लाहौर बम ब्लास्ट में भारत का हाथ होने की मनगढंत कहानियां मीडिया को सुनानी शुरू कर दी हैं। हालांकि, सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी यूजर्स पूछ रहे हैं कि वो सबूत कहां हैं जिनसे ये साबित होता है कि लाहौर बम ब्लास्ट में भारत का हाथ है। कई लोगों ने तो यहां तक लिख दिया है कि कनाडा और दीगर मुल्कों में जो पाकिस्तानी मारे जा रहे हैं क्या उनमें पाकिस्तान का हाथ है। एक यूजर ने लिखा है कि बिना सबूत जुबानी जंग से पाकिस्तानियों को भ्रमित नहीं किया जा सकता। लाहौर बम धमाके से भारत को क्या फायदा होने वाला था। कहने का मतलब यह है कि पाकिस्तान अपने ही झूठ में फंस गया है। फवाद और मोइद यूसुफ की प्रेस कांफ्रेंस से यह भी साफ हो गया है कि इमरान खान की कैबिनेट में भयंकर मतभेद हैं। लाहौर बम ब्लास्ट से संबंधित जो जानकारियां शेख रशीद ने मीडिया को बताई थीं उन्हीं सब को फवाद और मोइद यूसुफ ने हिंदुस्तान का लेवल लगाकर फिर से मीडिया के सामने पेश कर दिया ।
सवाल यह उठता है कि 25 जून को इंटीरियर मिनिस्टर शेख रशीद जब पीटर पॉल डेविड के नाम के मुख्य आरोपी सहित तीन अन्य संदिग्धों के नाम और पते ऐलान कर सकते हैं तो फिर मोइद यूसुफ के सामने ऐसी क्या मजबूरी थी कि वो दस दिन बाद मीडिया के सामने आए और उन हिंदुस्तानियों के नाम और पहचान का खुलासा नहीं कर पाए जो धमाके में शामिल थे। शेख रशीद के बयान के अलावा मोइद यूसुफ ने एक अतिरिक्त बात यह कही कि उस दिन एक के बाद एक कई साइबर अटैक किए गए। हिंदुस्तानी एजेंसी चाहती थीं कि लाहौर बम ब्लास्ट काण्ड की जांच प्रभावित हो सके, तो सच यह है कि गृहमंत्री शेख रशीद को सही और पूरी जानकारी नहीं दी जा रही हैं। मोइद यूसुफ गृहमंत्री शेख रशीद के मातहत हैं। अगर कोई नई जानकारी उनके पास थी तो मीडिया से पहले वो जानकारी शेख रशीद को दी जानी चाहिए थी,और कायदे से प्रेसर शेख रशीद को करनी चाहिए थी।
बहरहाल से शेख रशीद से ज्यादा जानकारी के तौर पर मोइद यूसुफ सिर्फ इतना ही कह सके कि, उस दिन देश के सूचना ढांचे पर हजारों साइबर हमले हुए, ताकि जांच में सफलता न मिले और घटना में शामिल लोगों को गायब होने का मौका मिल सके। मोईद ने कहा, ''हमें कोई आशंका नहीं थी कि जोहर टाउन में हुए धमाके और साइबर हमलों में लिंक था। जितनी संख्या में साइबर हमले हुए उससे कोई शक नहीं है कि हमारा पड़ोसी देश इसमें शामिल है।'' युसूफ ने कहा कि हमले के लिए पैसा भी भारत से आया था। पैसा किसी तीसरे देश के रास्ते भेजा गया। सवाल तो यह उठा जब इतनी सारी जानाकारी मिल ही चुकी थी तो शेख रशीद ने अपने मुंह पर टेप क्यों लगा लिया था, अब कौन नया सबूत एनएसए को मिला जो भारत में ड्रोन अटैक के बाद मिल गया।