अमेरिकी सैनिकों के लौटते ही अफगानिस्तान में हालात बुरे होते जा रहे हैं। हर दिन तालिबान अपना वर्चस्व बढ़ाता जा रहा है। अफगानिस्तान में युद्ध जैसी स्थिति बन गई है। अफगानिस्तान में काबुल (Kabul) के बाद दूसरा सबसे बड़ा शहर कंधार (Kandhar) ही है, जहां की आबादी करीब 62 लाख है। इस वक्त इस शहर को चारों ओर से तालिबान ने घेर लिया है। आसपास के दर्जनों पुलिस पोस्ट, चेक पॉइंट पर तालिबान का कब्जा है, लेकिन अब अफगान आर्मी के सामने कंधार को बचाने का है।
बता दें कि शहर के दक्षिणी इलाके में अफगान आर्मी और तालिबान के बीच जंग जारी है, यहां तालिबान कंधार की जेल के वॉच टावर को निशाना बनाए हुए है। कंधार की जेल के आसपास बड़ी संख्या में हथियारों की तैनाती है, यहां तालिबान की मांग है कि सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा किया जाए। अफगानी सैनिक के मुताबिक, कंधार जेल में करीब 600 राजनीतिक बंदी मौजूद हैं, जिन्हें तालिबान छुड़वाना चाहता है। कई तालिबानी बंदियों को यहां से काबुल भी शिफ्ट किया गया है।
अफगानिस्तान का कहना है कि अधिकतर तालिबानी लड़ाके पाकिस्तान की ओर से ही उनकी तरफ आए हैं, जो हथियार और वाहनों के साथ आए हैं। ज्ञात हो कि हाल ही में अफगानिस्तान के कंधार में एक भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की मौत हो गई थी। दानिश सिद्दीकी कंधार में वहां की ताजा हालात पर रिपोर्ट करने गए थे। अफगानिस्तान से भारत, ईरान समेत अन्य कई देशों ने अपने अधिकारियों, लोगों को वापस बुला लिया है, जबकि कंधार में सिर्फ पाकिस्तान का कॉन्सुलेट कार्यरत है। आसपास के गांववालों का कहना है कि तालिबानियों की संख्या कंधार में काफी ज्यादा है और वो आसपास के क्षेत्रों में कब्जा जमा रहे हैं।