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Karabakh Today, Kashmir Tomorrow: काराबाख के बाद कश्मीर! तुर्की-पाक की खतरनाक साजिश

Karabakh Today, Kashmir Tomorrow: काराबाख के बाद कश्मीर! तुर्की-पाक की खतरनाक साजिश

इमरान खान (Imran Khan) और एर्दोगान (Erdogan) ने 'काराबाख के बाद कश्मीर' (Karabakh Today Kashmir Tomorrow) नाम की खतरनाक साजिश रची है। तुर्की और पाकिस्तान (Turkey-Pakistan) कश्मीर में खतरनाक साजिश रचने जा रहे हैं। इस साजिश का पर्दाफाश हुआ अजरबेजान और अर्मेनिया के बीच युद्ध समाप्ति की घोषणा के तुरंत हुआ है।

मंगलवार को अर्मेनिया और अजरबेजान में युद्ध विराम के ऐलान और विवादित इलाकों में रशिन पीस कीपिंग फोर्स की तैनाती के बाद अरबेजान के साथ ही टर्की में भी जश्न मनाया जा रहा है। अजरबेजान की सड़कों पर निकली भीड़ अर्मेनिया पर जीत की खुशी मना रही थी। जीत का जश्न मना रहे अजरबेजानियों के हाथों अपने राष्ट्रीय ध्वज के साथ पाकिस्तान और टर्की के भी झण्डे लहरा रहे थे, यह इस बात का सुबूत है अर्मेनिया के अजरबेजान को पाकिस्तान और टर्की ने भाड़े के सैनिकों को लड़ने भेजा था। भाड़े के इन सैनिकों की फोटो दुनिया भर की मीडिया में प्रकाशित और प्रसारित भी हुई थीं। टर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगान और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने खुले तौर ईसाई बहुल्य अर्मेनिया के खिलाफ मुस्लिम देश अजरबेजान का समर्थन का ऐलान किया था। टर्की ने तो अपने फाइटर प्लेन से भी अर्मेनिया पर हमले किए। टर्की के ड्रोन हमले में अर्मेनिया को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। इसी का नतीजा हुआ कि अर्मेनिया को भारी जन-धन की हानि और जमीन का एक बड़ा भू-भाग हार कर युद्ध विराम का समझौता करना पड़ा।

बात यहीं खत्म नहीं होती है। एक नई बात यहां से जो शुरू होती है वो है कश्मीर के खिलाफ टर्की और पाकिस्तान की नापाक साजिश। गैर मुस्लिम अर्मेनिया के खिलाफ टर्की और पाकिस्तान ने जो खेल नागोना काराबाख में खेला वही खेल अब वो भारत के खिलाफ कश्मीर में खेलने का षडयंत्र कर रहे हैं। तैय्यप एर्दोगान कश्मीर पर इमरान खान के सुर में सुर मिला चुके हैं। दरअसल, यहां भी टर्की कथित मुस्लिम कार्ड खेलना चाहते हैं। मगर टर्की और पाकिस्तान को ध्यान रखना चाहिए कि यह भारत है अर्मेनिया नहीं। दूसरी बात यह कश्मीर को काराबाख बनाने का ख्वाब इमरान और एर्दोगान पालते रहें वो उनकी समस्या है, मगर कश्मीरी भारत के साथ हैं और भारत के साथ रहेंगे। अपवाद के तौर पर हर जगह थोड़े बहुत मीर जाफर हर कहीं पाए जाते हैं। इसका यह मतलब नहीं है तैय्यप एर्दोगान अजरबेजान को काराबाख का एक हिस्सा दिलाने के बाद इमरान खान के हाथ में कश्मीर की चाबी सौंप सकते हैं।
इमरान खान और एर्दोगान को शायद मालूम होगा कि आजादी के तुरंत बाद से ही पाकिस्तान कश्मीर पर कब्जा करने की कोशिश करता रहा है। धोखे और विश्वासघात के चलते जो हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में रह भी गया- वहां के लोग भी अब भारत की ओर हसरत भरी निगाह से देख रहे हैं। पाकिस्तान गिलगिट में 15 नवंबर को चुनाव भी करवा रहा है लेकिन गिलगित के लोग भारत में शामिल होने के लिए दुनिया भर में आंदोलन चला रहे हैं।

बहरहाल, एर्दोगान और इमरान के साथ ही उनके बड़बोले मंत्रियों ने काराबाख के बाद अब कश्मीर का रुख करने का ऐलान किया है। इस ऐलान का भी बड़ा कारण है। दरअसल, तैयर एर्दोगान कश्मीर के फ्रंट पर पाकिस्तान को मजबूत करने के लिए हथियार, रडार और एंटी एयरक्राफ्ट भी दे रहा है। इसके अलावा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने टर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगान के साथ मिलकर कश्मीर पर पूरी दुनिया में झूठ फैलाने की कोशिश की। दुष्प्रचार फैलाने के लिए टर्की ने कश्मीर के अलगाववादियों की मीडिया में भर्ती तक करवाई। लेकिन सारे हथकंडे फेल हुए तो अब इमरान खान और एर्दोगान मिलकर कश्मीर पर बड़ी साजिश की तैयारी में हैं।

कश्मीर में आतंकवाद बढ़ाने के लिए टर्की खुलकर पाकिस्तान की मदद करने में जुट गया है। चीन के बाद अब टर्की ने भी पाकिस्तान को हथियारों देने शुरू कर दिए हैं। पाकिस्तान टर्की से पैर्मीटर सर्वेलांस रडार सिस्टम लेने जा रहा है। रैटीनार पीटीआर-एक्स पैर्मीटर सर्वेलांस रडार सिस्टम की खास बात ये है कि ये पोर्टेबल है। यानी की इस सिस्टम को दो लोग आसानी से कही भी ले जाया सकते है और इसे चलाने के लिए सिर्फ एक आदमी की जरूरत होती है। इस रडार से पाकिस्तानी फौज भारतीय सेना के ठिकानों की टोह लेने की कोशिश कर सकती है। ऐसा भी माना जा रहा है कि एर्दोगान पाकिस्तान में बाजवा की फौज के साथ अपनी फौज या भाड़े के सेनिकों को कश्मीर में जंग के लिए भेजने पर राजी हो गए हैं। इमरान और एर्दोगान की इस साजिश का पर्दाफाश अब उन्ही के मंत्रियों के बड़े बोलों से हो गया है।

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