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मालाबार अभ्यास से टेंशन में चीन, ऑस्ट्रेलिया को दी आर्थिक नुकसान की धमकी

मालाबार अभ्यास से टेंशन में चीन, ऑस्ट्रेलिया को दी आर्थिक नुकसान की धमकी

ऑस्ट्रेलिया के <strong>मालाबार नौसैनिक अभ्यास</strong> में हिस्सा लेने के फैसले से चीन बौखला गया है। उसने कैनबरा को आर्थिक दुष्परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। चीन ने कहा है कि अगर ऑस्ट्रेलिया ने अमेरिका के नेतृत्व वाले समूह में लगातार भागीदारी जारी रखी तो ऑस्ट्रेलिया को आर्थिक रूप से सबक सिखाने के लिए चीन कदम उठाएगा।

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के मुख पत्र चाइना डेली में एक संपादकीय में आरोप लगाया गया है कि ऑस्ट्रेलिया मालाबार नौसैनिक अभ्यास में हिस्सा ले रहा है। इसके साथ ही अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल होकर चीन के मुहाने पर ऑस्ट्रेलिया लगातार अपने युद्धपोत भी भेज रहा है।

उल्लेखनीय है कि मालाबार नौसैनिक अभ्यास का प्रथम चरण बंगाल की खाड़ी में संपन्न हो चुका है। जिसमें भारतीय नौसेना, अमेरिकी नौसेना, जापान की मेरी-टाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स और रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना ने हिस्सा लिया है। कोविड-19 महामारी को देखते हुए मालाबार नौसैनिक अभ्यास का 24वां संस्करण जीरो कॉन्टैक्ट के आधार पर संचालित किया जा रहा है।

<img class="wp-image-17317 size-full" src="https://hindi.indianarrative.com/wp-content/uploads/2020/11/मालाबार-अभ्यास.jpg" alt="Bluewater capable Navy keeps vigil from Himalayas" width="445" height="390" /> मालाबार नौसैनिक अभ्यास का प्रथम चरण बंगाल की खाड़ी में संपन्न हो चुका है।

चीन के मुखपत्र ने आरोप लगाया गया है कि ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन भले ही यह घोषणा करते हैं कि उनकी चीन के संबंध में विदेश नीति धैर्य और समरसता से संचालित है। लेकिन उनकी सरकार अमेरिकी प्रशासन के नेतृत्व में चीन को नुकसान पहुंचाने के प्रयासों में लगातार हिस्सेदारी करती रही है। अखबार का आरोप है कि अमेरिका के लिए किए जा रहे इन सब कार्यों के बावजूद कैनबरा को वाशिंगटन से कोई विशेष लाभ हासिल होने वाला नहीं है। जबकि इसका खामियाजा कैनबरा को बहुत अधिक मात्रा में भुगतना पड़ेगा।

अप्रैल महीने में आस्ट्रेलिया ने चीन से बिना कोई मशविरा किए ही कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच करने की मांग कर दी थी। इसके बाद से आस्ट्रेलिया और चीन के रिश्तो में खटास पैदा हो गई थी। इसके बाद आस्ट्रेलिया के जौ पर चीन ने भारी एंटी डंपिंग शुल्क लागू कर दिया था और गौ-मांस आयात को रोक दिया था। चीन ने ऑस्ट्रेलिया की सस्ती वाइन पर भी सब्सिडी जांच शुरू कर दी और एंटी डंपिंग नियम लागू कर दिए थे।

चीन की सरकार के एक और अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भी हाल ही में ऑस्ट्रेलिया को चेतावनी देते हुए कहा था कि उसे इन चीन विरोधी कार्यों के लिए असहनीय कीमत चुकानी पड़ेगी। क्योंकि आस्ट्रेलिया ने द्विपक्षीय संबंधों में विश्वासघात किया है और कोविड-19 को लेकर चीन की आधारहीन कड़ी आलोचना की है।

हाल ही में इस तरह की सूचना मिली है कि बीजिंग में तांबा अयस्क और तांबा केंद्रित उत्पादों के आयातकों को ऑस्ट्रेलिया से परहेज करने को कहा गया है। इसके साथ ही आस्ट्रेलिया से चीनी आयात भी रोकने के लिए भी चीन में दबाव डाला जा रहा है। चीन के <strong>द जनरल एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ कस्टम्स ऑफ चाइना</strong> (The General Administration of Customs of China-GACC) ने पिछले हफ्ते एक नोटिस जारी करे निर्यातकों को कहा है कि उसने क्वींसलैंड से आयातित लकड़ी में एक कीटाणु को पाया है। इसलिए ऑस्ट्रेलिया से सभी तरह की लकड़ी के निर्यात पर प्रतिबंध घोषित कर दिया गया है। चीनी कस्टम्स एजेंसी ने यह भी दावा किया है कि ऑस्ट्रेलिया से आयातित जौ में कीटनाशक के अंश पाए गए हैं।

चीनी अखबारों का आरोप है कि ऑस्ट्रेलिया में चीन विरोधी प्रोपेगेंडा प्रचारित किया जा रहा है। राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर हुवेई जैसी चीनी कंपनियों को ऑस्ट्रेलिया के 5G नेटवर्क में भागीदारी करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। अखबार ने दावा किया है कि ऑस्ट्रेलिया देर हो जाने से पहले ही वाशिंगटन के बहकावे से बाहर निकल आए तो यह उसके लिए अच्छा होगा।.