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Pakistan में तख्ता पलट कर सकते हैं जनरल बाजवा, अमेरिका ने साथ दिया तो बीजिंग से ‘डबल गेम’ कर लेंगे ‘आर्मी जरनैल’! देखें वीडियो

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नजम सेठी, मुर्तजा सोलंगी और रजा अहमद रूमी जैसे पाकिस्तान के जाने-माने मीडिया सेलेब्स मानते हैं पाकिस्तान में मार्शल लॉ किसी भी समय लगाया जा सकता है। बशर्तेे अमेरिका पहले की तरह डॉलर्स देने लगे। इस समय के आर्मी जनरलों के पेंटागन के साथ अच्छे संबंध हैं, लेकिन पाकिस्तन की सिविल गवर्नमेंट से व्हाइट हाउस के 36 के आंकड़े हैं। कौमी असेंबली के इजलास मे पाक आर्मी जरनैल अमेरिका से बेहतर संबंधों की वकालत कर भी चुके हैं।

यह जुलाई का महीना चल रहा है। पाकिस्तान में यह चर्चा बहुत तेज है कि क्या जनरल जिया उल हक की तरह एक बार फिर तख्ता पलट होगा या फिर जनरल परवेज मुशर्रफ की तरह इमरान खान को गिरफ्तार कर आर्मी का जरनल पाकिस्तान की सत्ता पर काबिज हो जाएगा। बगावत की आशंका के पीछे कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारण पाकिस्तान में अराजकता और मंहगाई और सियासी दलों की बचकानी हरकतें है।

इसके अलावा एक कारण है वो यह कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का शासन व्यवस्था को लेकर कॉन्सेप्ट में लगातार चेंज होना। पहले इमरान खान कहते थे कि रियासत-ए-मदीना जैसी शासन व्यवस्था लेकर आएंगे। उसके बाद वो कहने लगे कि पाकिस्तान डेमोक्रेटिक कंट्री है। आज कल वो चीन की कम्युनिस्ट शासन व्यवस्था को सबसे अच्छी शासन प्रणाली बताने लगे हैं। चीनी शासन व्यवस्था को लेकर तो इमरान खान ने लंबी-चौड़ी तकरीरें भी दी हैं।

इमरान खान के बदलते नजरिए को लेकर पाकिस्तान के बुद्धिजीवियों में चर्चा चल पड़ी है कि चीन का कम्युनिस्ट शासन तो रिलीजियस प्रैक्टिस के एकदम खिलाफ है। क्या इमरान खान पाकिस्तान में रिलीजियस प्रेक्टिस पर रोक लगाने जा रहे हैं। पाकिस्तान में इस समय जो भी चाईनीज कंपनियां काम कर रही हैं। उन्होंने रिलीजियस प्रेक्टिस पर रोक लगा रखी है। रोज, नमाज, अजान सब कुछ बंद। जितने भी पाकिस्तानी चीनी कंपनियों मे काम करते हैं उन्हें तो कंपनी के नियमों के तरह कपड़े पहनने पड़ते हैं। कंपनी के नियमों के खिलाफ पाकिस्तानी दाढ़ी भी नहीं रख सकते। जुमा हो या जुमेरात कंपनी के काम के समय किसी को नमाज अजान की इजाजत नहीं है।

बहरहाल, बात पाकिस्तान में मार्शल लॉ लगाने की हो रही है। इस पर पाकिस्तान के जाने-माने पत्रकार और एक जमाने में इमरान खान के बेहह करीबी रहे नजम सेठी का कहना है कि पाकिस्तान में किसी भी समय तख्ता पलट हो सकता है। पाकिस्तान में तखता पलट की पूरे हालात बने हुए हैं। अय्यूब खां और जनरल जिया उल हक के बाद जनरल परवेज मुशर्रफ के तखता पलट के हालातों को याद करते हुए नजम सेठी कहते हैं कि परवेज मुशर्रफ ने जब तखता पलट किया था उस समय पाकिस्तान के जो हालात थे, इस समय उससे भी बुरे हालात हैं। नजम सेठी कहते हैं कि 9/11 की घटना परवेज मुशर्रफ के लिए वरदान बन गई। अरबो डॉलर रुपये पाकिस्तान को मिले। पाकिस्तान के आर्थिक हालात सुधरे तो धीरे-धीरे सब ठीक होने लगा।

इस समय अमेरिका पाकिस्तान के खिलाफ है। चीन को छोड़ा नही जा सकता तो फिर तख्ता पलट कैसे हो सकता है। इस पर नजम सेठी मजाकिया अंदाज में कहते हैं कि डबल गेम में तो पाकिस्तानी माहिर हैं। अगर अमेरिका डॉलर देने को राजी हो जाए तो चीन के साथ डबल गेम किया जा सकता है। चीन के साथ ये गेम पहले भी करते आए हैं। कहने का मतलब यह है कि पाकिस्तान की मीडिया को भरोसा है कि सत्ता इमरान खान के हाथ से निकल कर जैसे ही मिलिटरी शासक के हाथ में आएगी तो चीन और अमेरिका के बीच संबंधों को पाकिस्तान सामान्य बनाने की कोशिश कर सकता है।