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गुलाम कश्मीर (पीओके) में चीन-पाक के खिलाफ तेज हो रहा जन विद्रोह

गुलाम कश्मीर (पीओके) में चीन-पाक के खिलाफ तेज हो रहा जन विद्रोह

पाकिस्तान सरकार की शोषण और दमनकारी नीतियों के खिलाफ गुलाम कश्मीर (पीओके) में बगावत की बयार तेज होती जा रही है। कश्मीरी लोगों पर अत्याचार और कश्मीर की प्राकृतिक संपदा के दोहन से हजारों कश्मीरियों ने मुजफ्फराबाद में विरोध प्रदर्शन किए और रात के वक्त मशाल जुलूस निकाला। दरअसल ये विरोध प्रदर्शन नीलम-झेलम नदी पर चीन के सहयोग से बड़ा बांध बनाने के खिलाफ है। गुलाम कश्मीर के लोगों का कहना है कि इस बांध के बहाने पाकिस्तान गुलाम कश्मीर को भी चीन के हाथों गिरबी रखने जा रहा है। पाकिस्तान ऐसे ही गिलगिट बालटिस्तान और ग्वादर को भी चीन के हाथों सौंप चुका है।

गुलाम कश्मीर के लोग हाथों में मशाल लेकर ‘दरिया बचाओ, मुजफ्फराबाद बचाओ’ नारे लगा रहे थे। ये लोग ‘नीलम-झेलम बहने दो, हमें जिंदा रहने दो’ जैसे नारे भी लगा रहे थे। मशाल रैली में मुजफ्फराबाद व गुलाम कश्मीर (पीओके) के अन्य क्षेत्रों के भी सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया। बता दें कि हाल ही में, पाकिस्तान और चीन ने गुलाम कश्मीर (पीओके) में आजाद पट्टन और कोहाला हाइड्रोपावर कंपनी की देखरेख में निर्माण समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे। ये बांध

चीन-पाक आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के हिस्से के रूप में बनाए जाने हैं। 1.54 अरब डॉलर की परियोजनाएं चीन की जियोझाबा कंपनी द्वारा प्रायोजित की जाएंगी। जबकि गुलाम कश्मीर (पीओके) और गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों में इस बात को लेकर नाराजगी है कि यहां के प्राकृतिक संसाधनों को पाकिस्तान और चीन संयुक्त रूप से मिलकर खराब कर रहे हैं।

इस बांध के निर्माण के विरोध में स्थानीय लोग लगातार प्रदर्शन करते हुए निर्माण कार्य रोकने की मांग कर रहे हैं। इससे पहले पिछले महीने में भी दो बार मुजफ्फराबाद और गुलाम कश्मीर (पीओके) के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले लोगों ने विरोध प्रदर्शन किए थे। यहां लोग डैम निर्माण के विरोध में रैलियां निकाल रहे हैं नदियों के बचाव को लेकर खूब नारेबाजी कर रहे हैं।

झेलम नदी पर बनाया जाने वाला कोहाला हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट गुलाम कश्मीर (पीओके) के सुधनोटी जिले में आजाद पट्टन पुल से करीब 7 किमी और पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से 90 किमी दूर है। चीन थ्री गोरजेस कॉरपोरेशन, अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) और सिल्क रोड फंड द्वारा प्रायोजित इस परियोजना के साल 2026 तक पूरे होने की उम्मीद है।

इससे पहले 25 अगस्त को भी लोगों ने मेगा-डैम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान लोगों ने हाथों में मशाल लेकर पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की थी। 'दरिया बचाओ, मुजफ्फराबाद बचाओ' समिति से आने वाले प्रदर्शनकारियों ने 'नीलम-झेलम बहने दो, हमें जिंदा रहने दो' जैसे नारे लगाए थे। इस रैली में शहर और गुलाम कश्मीर (पीओके) के अन्य हिस्सों से आए हजारों प्रदर्शनकारी शामिल हुए थे।

पाकिस्तान और चीन ने गुलाम कश्मीर (पीओके) में आजाद पट्टन और कोहाला हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स के निर्माण के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के हिस्से के रूप में 700.7 मेगावाट बिजली के लिए आजाद पट्टन हाइडल पावर परियोजना पर 6 जुलाई, 2020 को हस्ताक्षर किए गए थे। 1.54 बिलियन डॉलर की परियोजनाएं चीन गेझूबा ग्रुप कंपनी (सीजीजीसी) द्वारा प्रायोजित की जाएंगी।

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