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डोमिनिका पुलिस ने मेहुल चौकसी की किडनैपिंग थ्योरी को बताया झूठ का पुलिंदा, बीच पर मौज करते पकड़ा गया, हाथ में था शॉपिंग बैग

डोमिनिका पुलिस ने मेहुल चौकसी की किडनैपिंग थ्योरी को बताया झूठ का पुलिंदा

पूर्वी कैरेबियन सुप्रीम कोर्ट में डोमिनिका पुलिस ने दावा किया है कि भगोड़ा कारोबारी मेहुल चोकसी 24 मई की रात 11:30 बजे टौकेरी तट पर संदिग्ध हालत में बैठा हुआ मिला था। लेकिन उस वक्त उसकी पहचान नहीं हो सकी थी। पुलिस कहा कि उसने 28 मई की रात 9 बजे चोकसी के खिलाफ 'अवैध रूप से प्रवेश' करने को लेकर मामला दर्ज किया था। खबरों की माने तो ये जानकारी डोमिनिका पुलिस के एफिडेविट में दी गई  है।

एक एफिडेविट डोमिनिका के पुलिस सुप्रिटेंडेंट ने जमा किया है, जिसमें कहा गया है कि चोकसी 24 मई को मिला था, जिसके बाद उसे रोसो के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसने कपड़े और गद्दे की मांग की थी तो उसे ये सामान भी दिया गया। डोमिनिका की पुलिस अन्य कैदियों की ऐसी मांग पूरी नहीं करती है, तो ऐसे में ये समझ से परे है कि चोकसी को ये सुविधा क्यों दी गई। वहां तैनात पुलिस सार्जेंट ने बताया कि चोकसी के हाथ में एक शॉपिंग बैग था। उसने पुलिस से कहा कि वह एंटीगा का रहने वाला है और वह चोकसी है, जिसे एक नाव से डोमिनिका तक लाया गया है।

पुलिस पर वकील का आरोप

एफिडेविट के अनुसार, चोकसी को पुलिस ने यात्रा के दस्तावेज न दिखाने पर गिरफ्तार। बीते हफ्ते चोकसी के वकील ने कोर्ट से कहा था कि उसे (मेहुल चोकसी) 96 घंटे तक अवैध रूप से हिरासत में रखा गया था। उसे 72 घंटों के भीतर कोर्ट के समक्ष भी प्रस्तुत नहीं किया गया। हालांकि, पुलिस ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था। एफिडेविट में डोमिनिका के सभी पुलिस अधिकारियों ने दावा किया है कि चोकसी बार-बार कह रहा था कि उसका अपहरण करके उसे डोमिनिका लाया गया है।

पुलिस को समुद्र में कोई नाव नहीं मिली। पुलिस ने कहा कि 28 मई तक चोकसी की पहचान नहीं हो सकी थी, क्योंकि उसके पास पहचान से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं था। इसके साथ ही पुलिस का यह भी कहना है कि चोकसी के एक वकील ने 26 मई को उनसे संपर्क किया था। वह अपने क्लाइंच से मिला चाहते थे, लेकिन पुलिस ने इससे इनकार कर दिया। साथ ही पुलिस ने कहा कि उसे 26 मई को चोकसी को नए कपड़े दिलाने के लिए 400 डॉलर तक खर्च करने पड़े हैं।

मेहुल चोकसी से मिलने के लिए 27 मई को चार वकीलों को अनुमति दी गई। उसने अपना कथित अपहरण करने वालों के बारे में कुछ नहीं बताया। वहीं, एफिडेविट में उसको भारत वैपस बेजे जाने की वकालत नहीं की गई है। पुलिस का कहना है कि वह उसके डोमिनिका आने के पीछे का मकसद पता कर रही है।