नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के मंत्रिमंडल के चार मंत्रियों से गुरुरवार को संसद की सदस्यता छीन ली गई। सदस्यता गंवाने वाले मंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड की सीपीएन माओइस्ट सेंटर पार्टी के सदस्य हैं। कहा जा रहा है कि ऊर्जा मंत्री तोप बहादुर रायमाझी, उद्योग मंत्री लेखराज भट्टा, शहरी विकास मंत्री प्रभु शाह और श्रम मंत्री गौरीशंकर चौधरी से उनकी पार्टी का सुझाव मिलने पर संसद की सदस्यता छीन ली गई।
गुरुवार को सदन के अध्यक्ष अग्नि प्रसाद सापकोटा ने कहा कि सीपीएन माओइस्ट सेंटर के निर्णय के बाद चारों मंत्रियों को संसद की सदस्यता से मुक्त कर दिया गया। दरअसल, महीनेभर पहले ही नेपाली सुप्रीम कोर्ट ने प्रचंड की सीपीएन माओइस्ट और ओली की सीपीएन यूएमएल के विलय को रद्द कर दिया था। जिसके बाद कानूनी रूप से ये दोनों पार्टियां अलग हो गई थीं।
लेकिन, रायमाझी, भट्टा, शाह और चौधरी इस साल सीपीएन माओइस्ट सेंटर का पुनर्गठन होने के बाद भी अपनी पार्टी में नहीं लौटे थे। इसकी बजाय वे ओली की सीपीएन यूएमएल में शामिल हो गए थे। जिसके बाद दलबदल वाले कानून और प्रचंड की पार्टी की सिफारिश पर यह कार्रवाई की गई।
नेपाल के कानून के मुताबिक, चारों मंत्री ओली के मंत्रिमंडल में अघले छह महीने तक मंत्री रह सकते हैं। लेकिन इससे ज्यादा समय तक मंत्री पद पर रहने के लिए उन्हें पुनः सांसद बनना होगा।