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लाखों वर्ष पहले गर्मी के दिनों में Arctic Ocean में नहीं होती थी बर्फ,रिसर्च से हुआ खुलासा!

Arctic Ocean में लाखों वर्ष पहले गर्मी में नहीं था बर्फ

Arctic Ocean बर्फों से भरा पड़ा है। लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण मौजूदा वक्त में यहां लगातार बर्फ जिसतरह पिघल रहा है,उससे अनुमान तो यही लगाया जा रहा है कि इसी शताब्दी में Arctic Ocean का बर्फ पिघल जाएगा। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि लाखों साल पहले यहां गर्मी के दिनों में बर्फ नहीं हुआ करता था।

लाख साल पहले बर्फ मुक्त था Arctic Ocean

नेचर जियोसाइंस (Nature Geoscience) के रिसर्च के अनुसार करीब एक लाख साल पहले Arctic Ocean में गर्मी के दिनों में बर्फ नहीं हुआ करता था। शोधकर्ताओं ने एक विश्लेषण में पाया कि अटलांटिक के जल में पाई जाने वाली एक उपध्रुवीय प्लवक प्रजाति (Subpolar Plankton Species) अंतिम इंटरग्लेशियल यानी 130000 से 115000 वर्ष पहले आर्कटिक महासागर में दूर तक फैली हुई थी जिसका मतलब है कि ग्रीष्मकाल के दौरान आर्कटिक बर्फ-मुक्त था।

जलवायु परिवर्तन के कारण पृथ्वी लगातार गर्म हो रही है, जिससे बर्फ काफी तेजी से पिघल रही है। इसका असर Arctic Ocean के समुद्री बर्फ पर भी देखने को भी मिल रहा है। जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के कारण आर्कटिक का बर्फ गर्मी के दिनों में तेजी से पिघल रही है। जानकारों का कहना है कि आर्कटिक का बर्फ इस शताब्दी के अंदर ही पूरी तरह से पिघल जाएगी।

तापमान में हो रही है बढ़ोतरी

स्टॉकहोम विश्वविद्यालय के शोधकर्ता फ्लोर वर्मासेन ने कहा कि लास्ट इंटरग्लेशियल वर्ष के दौरान पृथ्वी का तापमान वर्तमान तापमान से काफी अधिका था और उस समय समुद्र का स्तर भी करीब आज के स्तर से छह से लेकर नौ मीटर तक अधिक था। उन्होंने कहा कि आर्कटिक महासागर पिछले इंटरग्लेशियल के दौरान मौसमी रूप से बर्फ-मुक्त था। इस दौरान वर्मासेन ने पृथ्वी के बढ़ते तापमान पर भी चिंता जताई।

साथ ही उन्होंने अंतिम इंटरग्लेशियल के दौरान आर्कटिक की भौतिक स्थिती और पर्यावरण को समझने के लिए उसी अवधि के जलवायु और समुद्र विज्ञान मॉडल के अध्ययन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि समुद्र की सतह के तापमान और अन्य जल द्रव्यमान मापदंडों को फिर से विकसित करने की जरूरत है।

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