Hindi News

indianarrative

म्यांमार में तख्तापलट के बाद भारत से पनाह की गुहार

म्यांमार में तख्तापलट के बाद हालात तेजी से बदले हैं।

म्यांमार में तख्तापलट के बाद देश में उथल-पुथल मचा हुआ है। ऐसे में मिजोरम के अलावा मणिपुर से लगी म्यांमार की सीमा पर घुसपैठ की संभावना को देखते हुए सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस बीच म्यांमार के सशस्त्र उग्रवादी समूह चिन नेशनल आर्मी (CNA) ने भारत में अपने परिवारों के लिए शरण की गुहार लगाई है।

मिजोरम के चंफाई जिला की उपायुक्त मारिया सी टी जुआली ने जानकारी दी है कि चिन नेशनल फ्रंट (CNF) की सशस्त्र इकाई CNAने 40परिवारों के लिए शरण का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा, CNAने फरकावन ग्राम परिषद के अध्यक्ष से इस बारे में बात की और उन्होंने चंफाई जिला प्रशासन को इस बारे में अवगत कराया।

जुआली ने आगे कहा कि उन्होंने शीर्ष अधिकारियों को इस मामले से अवगत करा दिया है। अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन ने तख्तापलट के मद्देनजर म्यांमार से बड़ी संख्या में शरणार्थियों के आने की आशंका को लेकर एक अलर्ट जारी किया है। गौरतलब है कि मिजोरम में म्यांमार से लगी 404किलोमीटर की अंतरराष्ट्रीय सीमा है।

सीमावर्ती इलाकों में चिन समुदाय की बड़ी आबादी रहती है। यह लोग म्यांमार में हुई कोई तीन दशक पहले हिंसा के बाद शरण के लिए सीमा पार कर मिजोरम आ गए थे। मिजोरम की राजधानी आइजोल में ही चिन समुदाय के तीन हजार से ज्यादा लोग रहते हैं।

जुआली ने मंगलवार को एक अधिसूचना भी जारी की थी। इस अधिसूचना के तहत सभी गांवों को इलाके में म्यांमार के शरणार्थियों के दिखने पर जिला प्रशासन को सूचित करने का निर्देश दिया गया है।अधिकारियों ने बताया कि 1980के दशक में सैन्य जुंटा के कारण म्यांमार के चिन समुदाय के हजारों सदस्य मिजोरम आ गए थे। पड़ोसी देश में लोकतंत्र बहाल होने पर कई लोग लौट गए थे, लेकिन हजारों लोग अब भी राज्य में हैं। म्यांमार के चिन और भारत के मिजो, एक ही कुल और संस्कृति के हैं।

उल्लेखनीय है कि बीते दिनों म्यांमार में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई आंग सान सू ची की सरकार के खिलाफ तख्तापलट करते हुए सेना ने सत्ता पर कब्जा कर लिया था। इस बात से नाराज लोग देश में बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।