म्यांमार में चीन के इशारे पर लोकतंत्र समर्थकों पर क्रूरता का दौर जारी है। म्यांमार में अब तक 150 लोकतंत्र समर्थों की आर्मी की गोली से मौत हो चुकी है। अराजकता की स्थिति में म्यांमार से भारी संख्या में लोग भारत में शरण ले रहे हैं। भारी संख्या में म्यांमार से शरणार्थी भारत सरकार के लिए चिंता का विषय बनते जा रहे हैं।
जब से सेना ने सत्ता को अपने हाथ में लिया है, हालात लगातार बेकाबू होते जा रहे हैं। कई दिनों से जारी विरोध प्रदर्शन आक्रामक हो रहा है और सेना की ओर से प्रदर्शनकारियों पर गोलियां दागी जा रही है। इस बीच दावा है कि म्यांमार से बड़ी संख्या में लोग बॉर्डर पार कर भारत की ओर रुख कर रहे हैं। फरवरी से अबतक करीब सैकड़ोंलोग भारत में आ चुके हैं।
विभिन्न समाचार एजेंसियों के मुताबिकदो दिन पहले ही म्यांमार से करीब 116लोग भारत में आए, जिनमें फायरमैन-पुलिसवाले आदि लोग शामिल थे। म्यांमार के लोगों का कहना है कि उन्हें डर है अगर वो वहां रुकते हैं, तो वहां की सेना का आदेश मानना पड़ेगा। आदेश मानेंगे तो अपने ही लोगों पर अत्याचार करना पड़ेगा और सेना का आदेश नहीं माना तो अत्याचार सहना पड़ेगा। इसलिए दोनों स्थिति से बचने के लिए वो भारत की ओर रुख कर रहे हैं।
मिजोरम जैसे राज्यों में बढ़ रही घुसपैठ की चिंता के बाद भारत की सरकार ने अब बॉर्डर पर सख्ती अपनाने को कहा है। बॉर्डर के पास सुरक्षाकर्मियों को पैट्रोलिंग बढ़ाने और हर किसी को चेक करने का निर्देश दिया है। म्यांमार में एक फरवरी के आसपास सेना ने सत्ता पर अपना कब्जा जमाया, सरकार को बेदखल कर दिया। इतना ही नहीं, आंग सान सू की समेत कई नेताओं को जेल में डाल दिया गया है। तभी से ही म्यांमार में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इन विरोध प्रदर्शनों में अबतक 140से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
एक तरफ म्यांमार में लोगों का प्रदर्शन जारी है, तो सेना के द्वारा लगातार आक्रामक रुख भी अपनाया जा रहा है। म्यांमार के मंडालेय इलाके में इंटरेनट को बंद कर दिया गया है, जिसके बाद बड़ी संख्या में लोगों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। इसके बाद एक बार फिर सेना ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां दागी हैं। ताजा गोलीबारी में 25 लोकतंत्र समर्थकों के मारे जाने की खबरें हैं।