मोहम्मद अनस
मुश्किल से निगरानी में आ पाने के कारण चीन के साइबर योद्धा सोशल मीडिया पर भारत के ख़िलाफ़ नैरेटिव और दुष्प्रचार का युद्ध छेड़े हुए हैं। ऐसे सैकड़ों सोशल मीडिया अकाउंट भारत को हिमालय में एक आक्रामक शक्ति, नई दिल्ली में दमनकारी शासन और नेपाल और पाकिस्तान जैसे कमज़ोर पड़ोसियों को धमकाने वाले के रूप में चित्रित करने के लिए विभिन्न रूपों में सक्रिय हैं।
नई दिल्ली स्थित फ़ैक्ट चेकिंग पोर्टल www.dfrac.org ने 2021 से भारत के ख़िलाफ़ चीनी दुष्प्रचार अभियानों पर नज़र रखी है। इस पोर्टल पर रिपोर्टों की एक श्रृंखला से पता चलता है कि चीनी हर सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म – फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम आदि पर सक्रिय हैं – और भारत विरोधी प्रचार करने के हर अवसर का फ़ायदा उठाते हैं।
dfrac.com के मुताबिक़, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) से जुड़े लोग भी सीधे तौर पर ऐसे प्रोपेगेंडा अकाउंट चलाते हैं या प्रबंधित करते हैं।
ऐसा ही एक चीनी प्रचार समूह South Asia Index है, जो इसी नाम से एक वेबसाइट और एक आधिकारिक ट्विटर पेज के रूप में भी काम करता है। पेज के आधिकारिक परिचय में कहा गया है कि यह अर्थव्यवस्था, राजनीति, कूटनीति, रक्षा, जलवायु परिवर्तन और दक्षिण एशिया के अन्य मामलों पर केंद्रित है।
हालांकि, इसकी टाइमलाइन पर एक सरसरी नज़र डालने से भी पता चल जाता है कि यह एक एजेंडा-संचालित टूल है। पेज पर हर दूसरी पोस्ट भारत के बारे में कुछ न कुछ नकारात्मक बातें उजागर करती है – चाहे वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व को नकारात्मक रूप से पेश करना हो, कश्मीर में भारतीय सशस्त्र बलों के अत्याचार हों, पाकिस्तान का एक राज्य के रूप में समृद्ध होना हो, चीन का दुनिया भर में सबसे पसंदीदा सरकार-प्रणाली के रूप में उभरना हो, इत्यादि।
South Asia Index की कार्यप्रणाली का एक दिलचस्प पहलू यह है कि वे कुछ हलकों में भारत के बारे में कुछ फ़र्ज़ी ख़बरें वायरल करने में कामयाब होते हैं। जब गाम्बिया में कथित तौर पर भारत निर्मित कफ़ सिरप पीने से कुछ बच्चों की मौत हो गयी, तो South Asia Index ने एक नैरेटिव चलायी कि इंडोनेशिया में भारत निर्मित सिरप से 99 बच्चों की मौत हो गयी। इसे दक्षिण-पूर्व एशियाई वेब सर्किलों में तब तक प्रसारित किया गया, जब तक कि dfrac.com जैसी भारतीय फ़ैक्ट चेकिंग वेबसाइटों ने इस दावे को ख़ारिज नहीं कर दिया।
Just IN:— Death of 99 children in Indonesia linked to Indian-made cough syrups. Govt bans all cough syrups.
— South Asia Index (@SouthAsiaIndex) October 20, 2022
चीन द्वारा भारत को अपने प्रचार का निशाना बनाने का एक और उदाहरण तब आया था, जब दलाई लामा को अप्रैल में एक बच्चे को चूमते हुए और उसे अपनी जीभ चूसने के लिए कहते हुए एक तस्वीर खींची गयी थी। चीनी सोशल मीडिया सेना ने तिब्बती आध्यात्मिक नेता और उनके मेज़बान भारत को सबसे गंदे रंग में पेश करने के लिए इस अवसर का लाभ उठाया। उन्होंने सभी महाद्वीपों में सोशल मीडिया अभियान चलाकर दलाई लामा को निंदनीय पीडोफ़ाइल कहा, जो निर्वासित होने और अपने अपराधों के लिए दंडित होने का हक़दार है।
एक चीनी Nin Sun (@NinSiv4) का अकाउंट स्थान को पेरिस दिखाता है,उसने अपने अकाउंट पर कहा: “मैं पहला व्यक्ति हूं, जिसने अंग्रेज़ी में दलाई लामा को पीडोफ़ाइल( बच्चों के प्रति कामुकता भाव से आकर्षित रहने वाला व्यक्ति) के रूप में उजागर किया है। पीडोफ़ाइल समर्थक मत बनो।”
संभवतः श्रीलंका में स्थित एक अन्य ट्विटर हैंडल (क्योंकि यह चीनी परोपकार और निवेश को अक्सर सामने रखता है) @BattlementLK है और ऐसा लगता है कि यह सूचनाओं से सुसज्जित और गंभीर प्रचारकों द्वारा चलाया जाता है। वे यह दिखाने के लिए इतिहास के शायद ही ज्ञात तथ्यों को उजागर करते हैं कि भारत एक आक्रामक सभ्यता रही है और इसकी राजनीति ग़ैर-भारतीयों (ग़ैर-हिंदू) के प्रति उस आक्रामकता को दर्शाती है। 6 अगस्त को इसका सबसे हालिया ट्वीट भाजपा की बढ़ती सदस्यता संख्या पर कटाक्ष था।
You can become a member of India's BJP by sending a text message.
Joining the CPC requires a probation period where endorsements from other party members and approval of several party organizations are necessary for you to qualify as a member. https://t.co/S1rUm5eJkj
— BattlementLK 🇱🇰 (@BattlementLK) August 5, 2023
इसमें लिखा गया,“आप एक टेक्स्ट संदेश भेजकर भारत की भाजपा के सदस्य बन सकते हैं। सीपीसी में शामिल होने के लिए परिवीक्षा अवधि की आवश्यकता होती है, जहां सदस्य के रूप में अर्हता प्राप्त करने के लिए पार्टी के अन्य सदस्यों का समर्थन और कई पार्टी संगठनों की मंज़ूरी आवश्यक होती है।”
ये सभी उपर्युक्त एकाउंट उस विशाल चीनी नेटवर्क का हिस्सा हैं, जो पूरी दुनिया में फैले हुए हैं और, जैसा कि ट्विटर हैंडल के स्थानों से पता चलता है, दुनिया के सभी प्रमुख शहरों से संचालित होते हैं।
इसकी पुष्टि करते हुए न्यूयॉर्क टाइम्स ने पिछले हफ़्ते अपनी खोजी रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें बताया गया था कि कैसे चीन, एक भारतीय मूल के अमेरिकी अरबपति द्वारा चलाए जा रहे नेटवर्क के माध्यम से नई दिल्ली में स्थित मीडिया संगठनों को “फ़ंड” देता है।