भारत हर मोर्चे पर चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। लद्दाख में चल रहा तनाव कमा नहीं है। भारत और चीन के सैन्य अधिकारी कई बार बताचीत कर चुके हैं। फिर भी हालात ज्यादा नहीं सुधरे हैं। भारत भी चीन को जवाब देने के लिए तैयार है। भारतीय नौसेना के अत्याधुनिक जंगी जहाज आईएनएस किलटान ने पूर्वी चीन सागर में जापान और दक्षिण कोरिया की सेना के साथ मिलकर जंग लड़ने का अभ्यास किया है। यह वही क्षेत्र है जहां पर चीन का अपने पड़ोसी देश जापान और ताइवान के साथ तनाव काफी बढ़ गया है।
भारत समुद्र में चीन को घेरने के लिए ऐंटी सबमरीन खूबियों से लैस स्वदेशी युद्धपोत आईएनएस किलटान को सुदूर पूर्व के दौरे पर तैनात किया है। इसी तैनाती के दौरान भारतीय जंगी जहाज ने जापान के जेएस हमाना युद्धपोत के साथ पूर्वी चीन सागर में द्विपक्षीय अभ्यास किया। इस दौरान दोनों ही देशों की नौसेनाओं ने एक-दूसरे के साथ मिलकर जंग लड़ने का अभ्यास किया।
#IndianNavy's ASW corvette #INSKiltan & #JMSDF Fleet Support Ship JS Hamana conduct #MaritimePartnershipEx in East China Sea incl #Replenishment At Sea procedures.
Reinforcing high degree of #Interoperability & shared values as #PartnerNavies.#BridgesofFriendship@jmsdf_pao_eng pic.twitter.com/QAJfbTNYKd— SpokespersonNavy (@indiannavy) June 30, 2021
इसके बाद भारतीय नौसैनिक युद्धपोत ने दक्षिण कोरियाई जंगी जहाज के साथ युद्ध की तैयारियों को परखा। दक्षिण कोरिया की ओर से ग्येओंगनम नामक के फ्रीगेट ने हिस्सा लिया। भारतीय नौसेना ने एक बयान जारी करके बताया कि यह अभ्यास 28 जून को हुआ। खबरों के मुताबिक अब भारतीय युद्धपोत चीन के एक अन्य विरोधी देश फिलीपीन्स के पास पहुंच गया है। वहीं इंडियन नेवी के एक अन्य युद्धपोत आईएनएस ऐरावत पिछले दिनों वियतनाम के कैमरान्ह बे इलाके का दौरा किया था। नौसेना ने बताया कि इस युद्धपोत को कैमरान्ह बे इलाके में तैनात किया गया है। भारतीय युद्धपोत ऐसे समय पर साउथ चाइना सी पहुंचा है जब चीन का अपने पड़ोसी देशों के साथ विवाद काफी बढ़ गया है। साथ ही चीनी जहाजों की घुसपैठ लगातार हिंद महासागर में बढ़ती जा रही है।
भारत ने चीन को दिखा दिया है कि अगर वह उसके प्रभाव के क्षेत्र हिंद महासागर में घुसपैठ कर सकता है तो भारतीय जंगी जहाज भी साउथ चाइना सी की गहराईयों को नापने के लिए कभी भी पहुंच सकते हैं। इससे पहले भारत ने गलवान घाटी हिंसा के बाद अपने एक युद्धपोत को दक्षिण चीन सागर में तैनात कर दिया था। इस युद्धपोत को उस इलाके में तैनात किया गया है, जहां चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी की नौसेना ने किसी भी अन्य फोर्स की मौजूदगी पर ऐतराज जताया था।