इमरान खान नया पाकिस्तान (Imram Khan Naya Pakistan) का ख्वाब दिखा कर सत्ता में आए। लेकिन उनका नया पाकिस्तान अल्पसंख्यकों, वैचारिक विरोधियों, बच्चों, महिलाओं के लिए नासूर साबित हो रहा है (Violence against Women)। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की हुकुमत में महिलाओं पर अत्याचार के सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं (Record Domestic Violence in Pakistan)। महिलाओं के खिलाफ हिंसा को लेकर जो आंकड़े सामने आए हैं, वो चौंकाने वाले हैं। वैश्विक महामारी कोरोना (Covid-19) के समय में पाकिस्तानी महिलाओं पर सर्वाधिक जुल्म ढाया गया है। पाकिस्तान के औरत फाउंडेशन (Aurat Foundation) की ओर से जो नंबर जारी किए गए हैं वो इमरान खान को शर्मसार करने वाले हैं। दुनिया में जिस समय कोरोना चरम पर था, उस वक्त पाकिस्तान में महिलाओं के खिलाफ हिंसा भी चरम पर थी (Rise in Violence against Women in Pakistan)। जनवरी से दिसंबर 2020 के बीच पाकिस्तान के 25 जिलों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के सर्वाधिक 2297 मामले दर्ज किए गए। ये वो मामले हैं, जो दर्ज किए गए। हजारों की संख्या में हिंसा के मामले तो रजिस्टर ही नहीं हो सके।
जुलाई 2020 में कोरोना वायरस का प्रकोप शीर्ष पर था। इसी समय पाकिस्तान में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले सर्वाधिक दर्ज किए गए। कोरोना की दूसरी लहर सितंबर 2020 में आई। इसी समय पाकिस्तान में फिर महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले बढ़े। प्रोजेक्ट जज्बा-डेमोक्रेसी एंड इम्पावर्ड वुमेन के तहत एसएपी-पीके के साथ मिलकर औरत फाउंडेशन की ओर से ये आंकड़े संकलित किए गए हैं।
पंजाब प्रांत में सबसे ज्यादा हिंसा
रिसर्च में पाया गया कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में महिलाएं सबसे ज्यादा हिंसा का शिकार हुईं। कुल दर्ज मामलों में से 57 प्रतिशत हिंसा के मामले पंजाब में ही रजिस्टर हुए। 27 प्रतिशत मामले सिंध प्रांत में दर्ज किए गए। 8 प्रतिशत खैबर पख्तूनख्वा, 6 प्रतिशत गिलगिट-बालिटस्तान, 2 प्रतिशत मामले बलूचिस्तान में दर्ज किए गए। पंजाब प्रांत में सबसे ज्यादा मर्डर, किडनैपिंग, रेप, एसिड अटैक, घरेलू हिंसा के मामले दर्ज हुए।