पड़ोसी देश नेपाल की हालत खराब है। कोरोना ने पूरी तरह देश को जकड़ लिया है। हर दिन हजारों मौतें हो रही हैं। हालात यह है कि प्रख्यात पशुपतिनाथ मंदिर (Pashupatinath Temple) के पास स्थित श्मशान घाट समेत अन्य शवदाहगृहों में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान संक्रमण से मरने वाले लोगों के शव बड़ी संख्या में आ रहे हैं। नेपाल के स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि कोविड-19 से 214 और लोगों ने जान गंवा दी है। देश में इस महामारी से मरने वाले लोगों की संख्या अब 4,466 हो गई है। यहां कोरोना वायरस के मामले 431,191 हो गए हैं।
नेपाल सेना के सूत्रों के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में अकेले काठमांडू घाटी में एक दिन में 100 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया गया है। काठमांडू पोस्ट ने बताया कि पिछले एक हफ्ते में संक्रमण के मामले ज्यादा ना बढ़ने के बावजूद मृतकों की संख्या बढ़ रही है (Coronavirus)। पशुपति शवदाहगृह में कभी इतने शव नहीं देखे गए (Nepal Coronavirus 2021)। मुख्य संयोजक ने बताया कि कर्मचारी दिन-रात कोविड-19 से मरने वाले लोगों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं।
पशुपति क्षेत्र विकास न्यास द्वारा बिजली से संचालित शवदाहगृह के मुख्य संयोजक सुभाष कार्की ने कहा, ‘हमने रातभर 110 शवों को जलाया।’ पिछले दो हफ्तों से कार्की निर्धारित समय से अधिक काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘पहले हमें अधिकतम 80 शव मिलते थे और मंगलवार को 110 शव मिले। हमारे पास केवल 35 कर्मी हैं। हमें नेपाल सेना की भी मदद मिल रही है (Nepal Coronavirus Situation)। अगर शवों की संख्या बढ़ती है तो उन्हें जलाने के लिए लकड़ियों की कमी हो सकती है।’
रिपोर्ट में कहा गया है कि एक शव को मुखाग्नि देने के लिए करीब 300 किलोग्राम लकड़ियों की आवश्यकता होती है, जिसकी कीमत करीब 10,000 रुपये आती है (Nepal Coronavirus Deaths)। बिजली से संचालित शवदाहगृह में हर दिन औसतन 18 शव जलाए जाते हैं। कार्की ने कहा, ‘नेपाल सेना शवों को लाकर उन्हें सौंपती है लेकिन उन्हें मुखाग्नि हमारे कर्मियों को ही देनी पड़ती है।’ नेपाल में अभी एक दिन में कोविड-19 के 9,000 से अधिक मामले आ रहे हैं, जिससे देश में स्वास्थ्य संकट पैदा हो गया है। नेपाल के 40 से अधिक जिलों में पिछले दो हफ्तों से निषेधाज्ञा लागू हैं। इनमें काठमांडू घाटी के तीन जिले शामिल हैं।