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Corona महामारी के बीच भारत के सहयोग से बन रहा नेपाल का पहला ऑक्सीजन प्लांंट, पीएम ओली ने किया वर्चुअल शिलान्यास

नेपाल को मिला पहला लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने देश के पहले लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट की नींव रखी है। कोरोना महामारी में नेपाल में भी ऑक्सीजन की भारी किल्लत हुई थी ऐसे में अब देश को अधिक से अधिक मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति कराए जाने में मदद मिलेगी। इस समारोह का आयोजन वर्चुअली किया गया। इस प्लांट को भारत से सहयोग मिल रहा है। 

इस दौरान अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि महामारी के दौरान इसकी किल्लत को देखते हुए इस प्लांट की स्थापना एक महत्वपूर्ण फैसला है। बता दें कि, नेपाल में लिक्विड ऑक्सीजन के एकमात्र इंपोर्टर शंकर ऑक्सीजन गैस प्राइवेट लिमिटेड ने भी अपना लिक्विड ऑक्सीजन प्लंट स्थापित करने की योजना बनाई है। शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार कंपनी का यह प्लांट भैरवाहा के दक्षिण पश्चिम इलाके में होगा।  मई में नेपाल के कुछ अस्पतालों से कोरोना संक्रमित मरीजों को हटाना पड़ा क्योंकि वहां बिस्तरों की कमी के साथ मेडिकल ऑक्सीजन की भारी किल्लत थी। देश में हर रोज 8,000 से 9,000 तक नए मामले आने लगे थे।

 कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान नेपाल में मामले बेकाबू हो गए थे, जिसके बाद ओली सरकार ने अस्पतालों के लिए 100 से अधिक बेड अनिवार्य कर दिया और अपना ऑक्सीजन प्लांट लगाने के निर्देश दिए। कंपनी के अनुसार, 3,716 वर्ग मीटर तक फैले इस प्लांट की उत्पादन क्षमता 60 टन प्रतिदिन होगी। अधिक उत्पादन होने पर इसका निर्यात पड़ोसी देशों को किया जा सकेगा।

इसके अलावा औद्योगिक सेक्टर में भी इसका इस्तेमाल होगा। उल्लेखनीय है कि करीब तीन करोड़ की आबादी वाला देश नेपाल दुनिया के सबसे कम विकसित देशों में से एक है। इसके उत्तर में चीन और दक्षिण में भारत है। यहां अधिकतर सप्लाई के लिए भारत पर निर्भर रहना पड़ता है। विशेष रूप से मेडिकल से जुड़े कच्चे माल के अलावा स्वास्थ्य से जुड़े उपकरणों के लिए। खुद भी कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देश होने के बावजूद नेपाल को मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई निर्बाध की जा रही है।