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नेपाल में सियासी घमासान के बीच PM ओली ने सप्ताह में दूसरी बार किया मंत्रिमण्डल का विस्तार, खगराज को गृहमंत्रालय सौंपा

नेपाल में सियासी घमासान के बीच PM ओली ने फिर किया अपने कैबिनेट विस्तार

नेपाल (Nepal) में जारी सियासी संकट के बीच प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली (K.P.Sharma Oli) ने एक सप्ताह में दूसरी बार अपना कैबिनेट विस्तार किया है। उन्होंने 7 कैबिनेट मंत्री समेत एक अन्य राज्य मंत्री को शामिल किया है। पिछले महीने सदन में विश्वासमत प्राप्त करने में विफल रहने के बाद ओली अल्पमत की सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं।

8 नए चोहरों को मिली जगह

राष्ट्रपति कार्यालय के अनुसार मंत्रिमंडल में 7 केबिनेट मंत्री और एक राज्य मंत्री को शामिल किए जाने के बाद अब 25 सदस्य हो गए हैं। खबर है कि ओली (K.P.Sharma Oli) ने अपने करीबी खगराज अधिकारी को गृह मंत्रालय का पदभार सौंपा है। अधिकारी पहले सुशील कोइराला के नेतृत्व वाली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे। गृह मंत्री का पद तब रिक्त हो गया था जब देश के उच्चतम न्यायालय ने गत 20 मई को गृह मंत्री राम बहादुर थापा सहित सात नए मंत्रियों की नियुक्ति को यह कहकर निरस्त कर दिया था कि वे सांसद नहीं हैं। इसके एक दिन बाद, ओली ने प्रतिनिधि सभा को भंग कर दिया था। पूर्ववर्ती नेपाल कम्यूनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के भंग होने के बाद थापा सीपीएन-यूएमएल में शामिल हो गए थे।

देखिए किसे मिला कौन सा पद?

मंत्री बनाए गए अन्य चेहरों में जनता समाजवादी पार्टी से राजकिशोर यादव (उद्योग, वाणिज्य एवं आपूर्ति मंत्री) और नैनकला थापा (संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री) शामिल हैं। थापा पूर्व गृह मंत्री की पत्नी हैं। ओली ने ज्वाला कुमारी शाह को कृषि मंत्री, नारद मुनि राणा को वन मंत्री, गणेश कुमार पहाड़ी को समान्य प्रशासन मंत्री बनाया है। वहीं, मोहन बनिया को फिलहाल कोई मंत्रालय नहीं दिया गया है।

इन लोगों को काबीना मंत्री का दर्जा दिया गया है वहीं, आशा कुमारी बीके को वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री बनाया गया है। ओली ने देश में जारी राजनीतिक संकट और व्यापक आलोचनाओं के बीच एक सप्ताह में दूसरी बार अपने मंत्रीमंडल का विस्तार किया है। ओली ने शुक्रवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए आठ काबीन मंत्रियों और दो नए राज्य मंत्रियों को शामिल किया था। इसमें मधेसियों के आधार वाली जनता समाजवादी पार्टी को तरजीह दी गई थी। ओली ने फेरबदल के तहत तीन उपप्रधानमंत्री नियुक्त किए थे जिनमें से दो मधेसी समुदाय से हैं।