चीन वह देश है जो हर दूसरे के काम में अडंगा लगाने से बाज नहीं आता, उसके सीमाओं से लगते लगभग सारे देश ड्रैगन के घटिया हरकत क्षेत्रों को अपनाने वाली हरकतों से परेशान है। इसके साथ ही नेपाल में जासूसी कर रहे चीन की करतूत एक बार फिर बेनकाब हुई है। नेपाल में एक चीनी जासूस पकड़ा गया है जो नेपाल में भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है ताकि नेपाल अमेरिका से सहायता लेने से इनकार कर दे।
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नेपाल के खुफिया अधिकारियों ने जिस चीनी जासूस को पकड़ा है उसके पास से कई गहरे राज सामने आए हैं। ये चीनी जासूस अमेरिकी वित्तीय सहायता मिलेनियम चैलेंज कोऑपरेशन (एमसीसी) के खिलाफ दुष्प्रचार फैला रहा था। और ये ऐसे समय में पकड़ा गया है जब नेपाल अमेरिकी सहायता पर अंतिम फैसला लेने वाला है। नेपाल की मीडिया की माने तो, चीनी खुफिया एजेंसी अपनी पूरी ताकत झोंक रही है ताकि नेपाल अमेरिकी सहायता लेने के इनकार कर दे और इससे यह जाहिर हो गया है कि, चीन ये बिल्कुल नहीं चाहता कि नेपाल के रिश्ते किसी दूसरे देश के साथ बेहतर हों।
नेपाल की समचार वेबसाइट खबर हब की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पकड़े गए चीनी नाहरिक का नाम निंग लिन है। जो नेपाल के उन सुरक्षा अधिकारियों में टॉप पर है, जो अमेरिकी मदद के खिलाफ दुष्प्रचार फैला रहे थे। नेपाल की खुफिया रिपोर्ट में बताया गया है कि, लिन नाम का यह चीनी नागरिक चीन की खुफिया एजेंसी एमएसएस का अफसर है। उसके पास दो पासपोर्ट हैं और ऐसे माना जा रहा है कि वह चीन के हुबेई प्रांत से आया है। नेपाल ने 50 पन्नों की एक खुफिया रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें चीन के जासूसी किए जाने के बारे में बताया गया है।
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चीनी जासूस ने जो जानकारी दी है उसमें उसकी गतिविधियां, उसके संपर्क, लोगों से रिश्ते, काम करने के तरके, नेपाली नेताओं और पत्रकारों के नाम शामिल हैं। इस मामले की जानकारी रखने वाले नेपाल के एक सूत्र ने कहा है, हमारी एक महीने तक लंबी चली जांच में ये पुष्टि हुई है कि लिन चीनी खुफिया एजेंसी एमएसएस का अफसर है और उसकी पूरी जानकारी सरकार को जल्द दी जाएगी। एमएसएस चीन की खुफिया एजेंसी है, जो विदेशों में खुफिया जानकारी जुटाने और जासूसी करने का काम करती है।