कोरोना वायरस (Corona Virus) के वुहान से ही निकला है। चीन ने इस जानकारी को दुनिया से छिपाने की कोशिश की है। चीन की मुश्किलें अब और बढ़ सकती हैं। क्यों कि डब्लूएचओ ने कहा है कि अभी चीन को क्लीन चिट नहीं दी गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO)के अध्यक्ष ने इस बात पर जोर दिया है कि इस थ्योरी को खारिज नहीं किया गया है कि कोरोना वायरस वुहान (Wuhan) की लैबरेटरी से नहीं निकला था। संगठन की टीम चीन पहुंची थी इस बात का पता लगाने के लिए कि वायरस का कहां से पैदा हुआ लेकिन यह मिशन फेल हो गया।
दरअसल, वुहान में कोरोना वायरस की जांच के लिए पहुंची डब्लूएचओ की टीम को चीन ने कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां देने से इंकार कर दिया था। इसलिए उनके बिना किसी निष्कर्ष पर पहुंचना मुश्किल है।
एक अंग्रेजी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक ये 179मामले दिसंबर, 2019में फैली महामारी में सबसे पहले पाए गए थे। टीम में शामिल ऑस्ट्रेलियन एक्सपर्ट के मुताबिक उन्हें कुछ मामले बताए गए लेकिन जांच के लिए जरूरी सभी मामले सामने नहीं लाए गए। इन परिस्थितियों में आधे-अधूरे डेटा से किसी अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचना मुश्किल हो जाता है।
डब्लूएचओ के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस ऐडनम ने कहा है कि संभावना है कि कोरोना वायरस वुहान के इंस्टिट्यूट ऑफ वायरॉलजी से ही निकला हो। उन्होंने कहा है कि चूंकि समय काफी ज्यादा बीत चुका है इसलिए डीप स्टडी की जरूरत है। ऐडनम का कहना है, 'कुछ सवाल उठ रहे हैं कि क्या वुहान थियोरी को नकारा गया है। टीम के सदस्यों से बात करके में पुष्टि करना चाहता हूं कि सभी थ्योरी बरकरार हैं और इनके लिए आगे और अनैलेसिस और स्टडीज की जरूरत है।' इनमें से कुछ काम इस मिशन के स्कोप से बाहर हो सकता है। उन्होंने कहा, 'हमने हमेशा कहा है कि इस मिशन से सभी जवाब नहीं मिलेंगे लेकिन इससे हमारी जानकारी बढ़ी है जो हमें वायरस की उत्पत्ति के करीब ले जाएगी।'