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चीन के साथ संबंधों का सामान्यीकरण तभी संभव,जब पश्चिमी एलएसी पर स्थिति पूरी तरह सुलझ जाए: NSA डोभाल

जोहान्सबर्ग में NSA डोभाल (दायें) और चीन के शीर्ष राजनयिक वांग यी (बायें)

NSA Doval & Diplomat Wang Yi Meeting in Johaanesburg: भारत ने चीन को बता दिया है कि संबंधों का सामान्यीकरण तभी हो सकता है, जब पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति पूरी तरह से सुलझ जाए।

विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स एनएसए की बैठक के मौक़े पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और सीपीसी विदेश मामलों के आयोग के कार्यालय के निदेशक वांग यी के बीच सोमवार को हुई बातचीत में एनएसए ने बताया कि 2020 के बाद से भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर स्थिति ने रणनीतिक विश्वास और रिश्ते के सार्वजनिक और राजनीतिक आधार को ख़त्म कर दिया है।

एनएसए डोभाल ने स्थिति को पूरी तरह से हल करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल करने, द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति में आने वाली बाधाओं को दूर करने के प्रयासों को जारी रखने के महत्व पर ज़ोर दिया।

दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि भारत-चीन द्विपक्षीय संबंध न केवल दोनों देशों, बल्कि इस क्षेत्र और दुनिया के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।

इसके अलावे, एनएसए ने अपने वार्ताकारों को वैश्विक दक्षिण की चिंताओं, विशेष रूप से संसाधनों की सीमाओं पर क़ाबू पाने की चिंताओं को व्यक्त करने के भारत के इरादे के बारे में बता दिया।

डोभाल की बातचीत 22 से 24 अगस्त तक जोहान्सबर्ग में होने वाले 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले हुई है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को आमंत्रित किया गया है।

बैठक के दौरान पीएम मोदी से उम्मीद की जाती है कि वह वैश्विक दक्षिण की आवाज को प्रतिध्वनित करने और वैश्विक एजेंडे को सामूहिक रूप से आकार देने के लिए दक्षिण-दक्षिण सहयोग के महत्व को बढ़ाने के लिए भारत की वर्तमान G-20 अध्यक्षता का उपयोग करने के अपने दृष्टिकोण को आगे बढ़ायेंगे।