<a href="https://www.oic-oci.org/home/?lan=en"><strong><span style="color: #000080;">ओआई सी</span></strong></a> ने कश्मीर (OIC on Kashmir) पर <a href="https://indianarrative.com/world/imran-khans-naya-pakistan-rocked-by-pashtun-sindh-baloch-agitations-16209.html" target="_blank" rel="noopener noreferrer"><strong><span style="color: #000080;">इमरान खान </span></strong></a><span style="color: #000000;">को बड़ा झटका</span> लगा है। ओआईसी ( ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन) ने नायमी में होने वाली मीटिंग में कश्मीर का जिक्र करने से इंकार कर दिया है। पाकिस्तान ने जिस मकसद से ओआईसी का गठन<span style="color: #000000;"> करवाने </span>में अहम भूमिका अदा की थी, पाकिस्तान का वही मकसद अब पूरी तरह फ्लॉप हो गया है। कश्मीर पर वितण्डा खड़ा करने की साजिश करने वाला पाकिस्तान अब मुस्लिम देशों बीच ही अलग-थलग पड़ गया है। पाकिस्तानियों को सऊदी अरब अममीरात के वीजा पर रोक लगाने के बाद अब ओआईसी ने दुनिया के सामने पाकिस्तान की औकात दिखा दी है। ओआईसी ने (OIC on Kashmir) साफ संदेश दिया है कि कश्मीर मुद्दे पर कोई बात नहीं की जाएगी।
इस्लामिक देश नाइजर की राजधानी नायमी में हो रही काउंसिल ऑफ फॉरेन मिनिस्टर्स की मीटिंग के एजेंडे में पाकिस्तान 'कश्मीर' का मुद्दा उठाना चाहता था। लेकिन सऊदी अरब और अन्य इस्लामिक देशों ने पाकिस्तान की साजिश को नाकाम कर दिया। दरअसल, पाकिस्तान <span style="color: #000000;">ओआईसी</span> (ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन) में 'कश्मीर कॉन्टेवर ग्रुप' का इस्तेमाल कश्मीर मसले को उछालने में करता रहा है। इस ग्रुप में पाकिस्तान का दबदबा है। लेकिन इस बार 'कश्मीर कॉन्टेवर ग्रुप' भी फेल हो गया।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान इस समय कई झंझावातों में घिरे हुए हैं। बलूचिस्तान, सिंध और पश्तूनों के आजादी के आंदोलन जोर पकड़ रहे हैं।<a href="https://hindi.indianarrative.com/world/gilgit-baltistan-ghulam-kashmir-pok-is-not-part-of-pakistan-ex-pm-sardar-attique-khan-14447.html"><span style="color: #000080;"> <strong>पीओके-गिलगिट बालटिस्तान</strong></span></a> में भी बगावत तेज हो रही है। भ्रष्टाचार के मामले सामने आने से सीपेक ठप हो गया है। पाकिस्तान में आर्मी के खिलाफ भी आवाजें उठनी शुरू हो गई हैं। महंगाई-बेरोजगारी और भुखमरी से पाकिस्तान की अवाम परेशान है। इस माहौल में इमरान खान के पास कश्मीर ही एक ऐसा मुद्दा है जो उन्हें कुछ राहत दे सकता था। मगर, 'कश्मीर कॉन्टेवर ग्रुप' के फेल हो जाने के बाद इमरान को फौरी राहत की संभावनाएं भी खत्म हो चुकी हैं।
पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को ओआईसी में उछाल कर भारत के खिलाफ बयान दिलवाने की साजिश रचने की कोशिश करता है। हर बार किसी न किसी तरह से यह साजिश फेल हो ही जाती है। ओआईसी के प्रावधानों के मुताबिक अगर कोई भी संबंधित ग्रुप कश्मीर कोई प्रस्ताव पारित करता है तो सभी 57 देश उस प्रस्ताव को मानने के लिए बाध्य हो जाते हैं। यूनाईटेड नेशंस में भी ओईसी एक ब्लॉक की तरह काम करता है। इमरान खान की दुविधा यह है कि एक तरफ मुस्लिम देश इजरायल से संबंध बना रहे हैं तो कश्मीर पर भी पाकिस्तान को दुत्कार रहे हैं।.