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अफगान जर्नलिस्ट ने पाक विदेश मंत्री की बोलती कर दी बंद, तालिबान पर पूछे सवालों पर क्या बोले शाह महमूद कुरैशी, देखें यहां

Shah mahmood qureshi

पाकिस्तना के विदेश मंत्री महमूद कुरैशी की घोर बेइज्जती हो गई है। अपने बड़बोलेपन के लिए जाने वाले कुरैशी को एक अफगानी पत्रकार ने जमकर धोया। कुरैशी भारत से जुड़े सवालों पर फंस गए। शनिवार को प्रसारित होने वाले टोलो न्यूज के इस इंटरव्यू में कुरैशी को कुछ जगह हंसते तो कुछ जगह फंसते देखा जा सकता है। दरअसल अफगानिस्तान से अमेरिका और नाटो के सैनिक 11 सितंबर 2021 तक वापस लौट जाएंगे इसके बाद भारत का दखल अफगानिस्तान में बढ़ जाएगा। ये चीज पाकिस्तान को खल रही है।

 

कुरैशी का यह इंटरव्यू टोलो न्यूज के प्रमुख लोतफुल्ला नजफिजादा ने लिया है। टोलो न्यूज ने इंटरव्यू के कई क्लिप ट्विटर पर शेयर किए हैं। इस बातचीत के दौरान कुरैशी ने अफगानिस्तान में भारत की मौजूदगी को लेकर सवाल खड़े किए हैं। लोतफुल्ला नजफिजादा के एक सवाल पर कुरैशी ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान के द्विपक्षीय रिश्ते हैं। अफगानिस्तान का ये अधिकार है कि वो भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध रखे। दोनों देशों के बीच व्यावसायिक रिश्ता भी है। इसमें पाकिस्तान को कोई प्रॉबल्म भी नहीं है। मगर उन्हें लगता है कि अफगानिस्तान में भारत की मौजदूगी जितनी होनी चाहिए उससे कहीं अधिक है। यह तब है जब भारत और अफगानिस्तान की सीमा कहीं एक-दूसरे से नहीं लगती।

 

इसके बाद टोलो न्यूज के पत्रकार ने कुरैशी से पूछा कि क्या आपको भारत की मौजूदगी परेशान करती है? इस पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि अगर अफगानिस्तान की जमीन का प्रयोग पाकिस्तान के खिलाफ होगा तो उचित नहीं है। टोलो न्यूज ने पूछा कि क्या भारत ने ऐसा किया है तो क़ुरैशी मुस्कराने लगे।

पाकिस्तान और अफगानिस्तान को बांटने वाली डूरंड लाइन को अंतरराष्ट्रीय सीमा मानने के सवाल पर क़ुरैशी ने कहा कि अगर अफगानिस्तान अच्छे पड़ोसी की तरह सहअस्तित्व की भावना रखता तो इसे इंटरनेशनल बॉर्डर स्वीकार करना चाहिए। क्या वो इस पर अफगानिस्तान से बात करेंगे? पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि आप भले इसे नहीं मानें लेकिन ये सीमा तो है ही। डूरंड लाइन इंटरनेशनल बॉर्डर है। इस पर बातचीत करने की जरूरत नहीं है।

 

आपको बता दें कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान अपने संबंधों को सुधारने की कोशिश में हैं। पिछले छह-सात महीनों में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच कई उच्च स्तरीय बैठकें हुई हैं। पिछले साल नवंबर महीने में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने काबुल का दौरा किया था।