अमेरिकी सेनाओं की वापसी और तालिबान से शांति समझौता जारी रहने के बीच अफगानिस्तान में हिंसा और आतंकी हमले बादस्तूर जारी हैं। राजधानी काबुल में 9 सितंबर की सुबह उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह के काफिले पर घातक हमला किया गया। इस हमले में तीन लोगों मारे जाने और एक दर्जन से ज्यादा घायल होने की खबर है। ऐसा बताया जा रहा है कि इस हमले में उपराष्ट्रपति सालेह और उनका स्टाफ सुरक्षित है। अफगान एजेंसियों को शक है कि उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह के काफिले पर हमला पाकिस्तान ने करवाया है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी अफगानिस्तान में सक्रिए है और अफगान सरकार के खिलाफ आतंकियों को पैसा, हथियार और प्रशिक्षण दे रही है।
BREAKING – At least three killed and 12 wounded in attack on First VP Amrullah Saleh’s convoy this morning in Taimani area of #Kabul city, say sources. VP's office confirmed blast, said three of Saleh's staff injured, though VP is unharmed. #Afghanistan pic.twitter.com/HzxSdUpkrF
— TOLOnews (@TOLOnews) September 9, 2020
इस हमले के बाद सालेह के बेटे एबाद सालेह ने ट्वीट से जानकारी दी कि 'वो और उनके पिता उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह दोनों ही सुरक्षित हैं और हमारे साथ का कोई भी व्यक्ति शहीद नहीं हुआ है। सब लोग सुरक्षित हैं।' एबाद अपने पिता के साथ यात्रा कर रहे थे। इससे पहले भी सालेह के ऊपर पिछले साल जानलेवा हमला हुआ था जिसमें 20 लोग मारे गए थे।
यह धमाका इतना शक्तिशाली था कि धमाके के बाद काफिले की गाड़ियों के परखच्चे उड़ गए। आसपास की इमारतों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। सड़कों पर हर तरफ तबाही का मंजर नजर आ रहा है। 19 साल पहले आज ही के दिन तालिबान के विरोधी नेता रहे अहमद शाह मसूद की भी हत्या कर दी गई थी। माना जा रहा है कि इस हमले के पीछे तालिबान और पाकिस्तान के आतंकी गुटों का हाथ है। अफगान सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है और तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। उधर, घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कुछ घायलों की हालत नाजुक बताई जा रही है। विस्फोट के कारण इलाके में आग लग गई थी जिसे फायर फाइटर्स ने बुझा दिया है। अभी तक किसी भी गुट ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।.