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Pakistan पीएम इमरान का तख्ता पलट! बुशरा पीर ने रोका आर्मी चीफ को, वरना Imran Khan जेल में और बाजवा कुर्सी पर होते!

Bajwa-Bushra-Imran

पाकिस्तान में एक बार फिर सिविल गवर्नमेंट और मिलिटरी में मतभेद गहराने लगे हैं। आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा और आईएसआई चीफ फैज हामिद ने सरकार से कहा है कि चीन के आगे समर्पण खुदकुशी जैसा हो सकता है। इतना ही नहीं दोनों जनरलों ने सरकार से कहा है कि अमेरिका से संबधों को खत्म करना पाकिस्तान के हक में नहीं है।

पाकिस्तान को चीन और अमेरिका के साथ संतुलन बनाकर चलना होगा। एकाएक अमेरिका से नाता तोड़कर चीन की गोद में बैठना पाकिस्तान के लिए खतरनाक होगा। ध्यान रहे, जब दोनों जनरल पाकिस्तान की सरकार और संसद को ये सब बातें बता रहे थे उस समय प्रधानमंत्री इमरान खान मौजूद नहीं थे। उन्होंने आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा और आईएसआई चीफ की बातों को सुनना गंवारा ही नहीं समझा। इसी को लेकर ये कयास लगाए जा रहे हैं कि पाकिस्तान की सिविल सरकार और मिलिटरी एस्टेबिलिशमेंट में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।

पाकिस्तानी मीडिया में ऐसी भी खबरें हैं कि अगर कोई और जनरल होता तो अब तक इमरान खान का तखता पलट हो चुका होता। लेकिन इमरान खा और आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा के बीच ‘बुशरा पीर’एक बड़ी ताकत हैं। कमर जावेद बाजवाऔर फैज हामिद बुशरा पीर के मुरीद हैं। 2018 के चुनाव से पहले आर्मी चीफ बाजवा ही इमरान खान को बुशरा पीर के पास ले गए थे। वही बुशरा पीर अब इमरान खान की बेगम हैं। कहा जाता है कि बुशरा पीर की वजह से ही बाजवा पीएम इमरान खान का तखता पलट नहीं कर पाए है।

बहरहाल, पाकिस्तानी संसद की राष्ट्रीय सुरक्षा पर गठित संसदीय समिति के सामने जनरल कमर जावेद बाजवा और आईएसआई चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद ने अमेरिका के साथ स्वस्थ संबंधों की वकालत की। इस बैठक में शामिल कुछ सांसदों ने बताया कि सैन्य और खुफिया नेतृत्व ने इस बात पर जोर दिया कि चीन के साथ संबंध मजबूत हैं और बलिदान नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही पाकिस्तान को अमेरिका के साथ एक स्वस्थ संबंध बनाए रखना होगा।

इस बैठक में अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी के बाद बनती स्थिति, जम्मू-कश्मीर के घटनाक्रम, चीन और अमेरिका के साथ संबंधों पर सेना और आईएसआई ने अपना पक्ष रखा। दोनों ही निकायों ने देश के सामने आने वाली रणनीतिक चुनौतियों और आंतरिक सुरक्षा की स्थिति पर भी सांसदों को जानकारी दी।

इस बैठक में भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते रणनीतिक संबंधों पर चिंता भी जताई गई। पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने कहा कि भारत कई द्विपक्षीय और बहुपक्षीय व्यवस्थाओं के माध्यम से अमेरिका के साथ अपने संबंधों को मजबूत कर रहा है। जनरल बाजवा ने इसलिए ही पाकिस्तान को अमेरिका के साथ स्वस्थ्य संबंध बनाए रखने के लिए कहा। अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी को लेकर भी पाकिस्तान चिंतित है। पाकिस्तानी सेना ने बताया कि उसका तालिबान पर प्रभाव सीमित है।

इस बैठक में नेताओं को यह भी बताया गया कि बाहरी ताकतें देश में अपना प्रभाव बढ़ा रही हैं। बलूचिस्तान में आतंकवाद में वृद्धि और पिछले हफ्ते लाहौर में हुए हमले इसी का परिणाम है। आने वाले दिनों में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा सकता है। इसके अलावा चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) परियोजनाओं को लक्षित करने के प्रयास भी किए जा सकते हैं। आगे यह भी आशंका जताई गई कि पाकिस्तान से विदेशी निवेशकों को डराने की कोशिश हो सकती है।

ऐसा कहा जाता है कि इमरान खान ने फिलहाल, बाजवा की दलीलों पर कोई ध्यान नहीं दिया। वो न तो संसदीय समिति की बैठक में आए जिसमें आर्मी की सिफारिशों को तवज्जोह दी।