पाकिस्तान की राजनीति गर्म हो गई है। इमरान सरकार और पाकिस्तान की फौज के सारे नापाक मंसूबे जनता के सामने आ गई है। एक ऑडियो टेप ने सब कुछ हिला कर रख दिया है। इस टेप से ये साफ हो गया है कि इमरान खान पाकिस्तानी सेना के पपेट हैं। उनका कोई बजूद नहीं है। टेप से साफ हो गया है कि इमरान खान को सत्ता दिलाने में आर्मी और आईएसआई का हाथ है। फिलहाल, इस टेप का बहुत छोटा हिस्सा या कहें चंद सेकेंड का हिस्सा ही सामने आया है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही पूरा टेप भी सामने आएगा।
इस टेप में पाकिस्तान के पूर्व चीफ जस्टिस (CJP) साकिब निसार किसी अनजान शख्स से बात कर रहे हैं। बातचीत में निसार मानते हैं कि उन पर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम नवाज को सजा देने का दबाव था, ताकि इमरान खान को सत्ता में लाया जा सके। चंद दिनों पहले एक ऑडियो टेप सामने आया। इसमें CJP किसी अनाम व्यक्ति को अपनी तकलीफ बता रहे हैं। वो कहते हैं कि पाकिस्तान में न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं है, उस पर फौज का दबाव रहता है।
इसे पाकिस्तान की मशहूर यूट्यूबर और जर्नलिस्ट आलिया शाह ने अपने शो ‘ब्रेकिंग बैरियर्स विद आलिया’ में कहा- इसे आप छोटा टेप समझने की गलती न करें। आने वाले दिनों में यह टेप पूरा सामने आएगा और पाकिस्तान की सियासत में भूचाल आ जाएगा। अब तक खुद को पाकसाफ बताने वालों (फौज और ISI) की कलई भी मुल्क के सामने खुल जाएगी। यहां बातचीत का वो हिस्सा पेश किया जा रहा है, जिसकी वजह से इमरान और फौज की नींद उड़ी हुई है और लोग मानने लगे हैं कि नवाज शरीफ को इन दोनों ने फंसाया था। जस्टिस निसार सामने वाले से- मैं बहुत साफ तौर पर कहना चाहता हूं कि बदकिस्मती से हमारे पास ऐसे इदारे (विभाग और यहां मतलब ताकतवर फौज) हैं जो जजों को फरमान जारी करते हैं। अब ये कह रहे हैं कि मियां साहब (नवाज शरीफ) को सजा देनी है, क्योंकि हमें खान साहब (इमरान खान) को लाना है। सामने वाला कहता है- नवाज शरीफ को सजा ठीक है, लेकिन बेटी को सजा नहीं दी जानी चाहिए। इस पर जस्टिस निसार कहते हैं- हां, इससे तो ज्यूडिशियरी पर भी सवाल उठेंगे।
खास बात यह है कि टेप सामने आने के बाद जस्टिस निसार ने खुद माना कि टेप में आवाज उनकी ही है। हालांकि सफाई में ये कहा कि इसमें कुछ पुराने टुकड़ों को जोड़ा गया है। दूसरी तरफ, ‘द डॉन’ अखबार से बातचीत में अमेरिकी फोरेंसिक कंपनी ने भी मंगलवार को साफ कर दिया कि यह टेप बिल्कुल ओरिजिनल है और इससे कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है।
इस टेप को सामने लाने वाली अहमद नूरानी एक इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट हैं। नूरानी इतनी बारीकी से काम करते हैं कि उनकी रिपोर्ट पर कोई सवाल न उठे। मसलन, इस टेप को जारी करने से पहले उन्होंने इसकी अमेरिका में फोरेंसिक जांच कराई, ताकि बाद में कोई यह इल्जाम न लगा सके कि यह टेप जाली है।