पाकिस्तान अभी भी पोलियो उन्मूलन अभियान चला रहा है। कई इलाकों में पोलियो के केस हैं। लोग बच्चों को पोलिया का टीका दिलवाने से डरते हैं। इसका मुख्य कारण है गलत जानकारी। पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में पोलियो की वैक्सीन देने गई टीकाकरण टीम को सुरक्षा प्रदान कर रही पुलिस टीम पर हमला हो गया। इस हमले के दौरान 2 पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
बुधवार को हुई इस घटना के बारे में बताया जा रहा है कि हेल्थकेयर वर्क्स की एक टीम खैबर-पख्तूनख्वा के मर्दान शहर के नजदीक एक गांव में पोलियो का टीका लगाने पहुंची थी। इस दौरान सुरक्षाकर्मी भी हेल्थकेयर टीम की सुरक्षा के लिए उनके साथ मौजूद थे। जिला पुलिस अधिकारी ज़ाहिद उल्लाह ने न्यूज एजेंसी 'AFP' को बताया है कि मोटरसाइकिल से आए 2 हमलावरों ने अचानक पुलिसकर्मियों पर गोली चला दी। गोली लगने से दोनों पुलिसकर्मियों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। इस दौरान महिला वर्कर घर के अंदर पोलियो का ड्रॉप दे रही थीं। अभी तक किसी भी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। लेकिन साल 2011 में जब अमेरिकी कमांडो ने पाकिस्तान में मौजूद अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी और अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था तब बाद में खुलासा हुआ था कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने लादेन को पकड़ने के लिए फर्जी हेपेटाइटिस टीकाकरण अभियान चलाया था।
हाल के दिनों में पाकिस्तान में टीकाकरण अभियानों पर हमले बढ़े हैं। टीकाकरण अभियान आतंकवादियों के निशाने पर इसलिए रहते हैं क्योंकि वो मानते हैं कि इन अभियानों से पश्चिमी जासूसों को मदद मिलती है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान दो ऐसे देश हैं जहां पोलियो अभी भी मौजूद है। यहां पोलियो के खिलाफ सरकार अभी भी जंग लड़ रही है।
इससे पहले जनवरी के महीने में भी टीकाकरण अभियान के दौरान एक पुलिसकर्मी की हत्या कर दी गई थी। इसके अलावा टीकाकरण अभियान पर जाने वाले हेल्थकेयर कर्मियों के साथ एक दिक्कत यह भी आती है कि कई बार यह अफवाह फैला दी जाती है कि यह अभियान पश्चिमी देशों की एक साजिश है और इसके तहत मुस्लिम बच्चों को नपुंसक बनाया जाता है। जिसके बाद टीकाकरण टीम का विरोध होने लगता है।