कंगाली से बुरी तरह जूझ रहा पाकिस्तान (Pakistan) की स्थिति से पूरी दुनिया वाकिफ है। कर्ज में डूबे पाकिस्तान की स्थिति इतनी खराब है कि वो इससे उबरने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। इस दौरान यहां पिछले तीन सालों में गधों की संख्या में बड़े तेजी से इजाफा हो रहा है। पाकिस्तान इकॉनोमिक सर्वे के मुताबिक देश में गधों की संख्या पिछले एक साल एक लाख बढ़ी है। यानी पिछले साल जो संख्या 57 लाख थी वो बढ़कर अब 58 लाख हो गई है। वहीं इससे पहले साल 2019-20 में देश में 55 लाख गधे थे और 2020-21 में ये संख्या 56 लाख तक पहुंच गई थी। इस बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि पाकिस्तान में गधों की संख्या इतनी तेजी से आखिर क्यों बढ़ रही है? इसकी वजह कहीं ना कहीं चीन ही बताया जा रहा है। दरअसल चीन (china) में गधों की काफी मांग है। ऐसे में खबर है कि पिछले दिनों चीन ने पाकिस्तान से गधों की सप्लाई करने की मांग की थी। सबसे ज्यादा गधों की संख्या के मामले में पाकिस्तान तीसरे नबंर पर है जबकि चीन पहले नबंर पर।
चीन ने मांगे थे गधे
पाकिस्तानी न्यूज डॉन की साल 2022 की रिपोर्ट के अनुसार चीन पाकिस्तान से गधों और कुत्तों को इंपोर्ट करना चाहता क्योंकि चीन में पिछले कुछ समय में इनकी मांग काफी ज्यादा बढ़ी थी और उत्पादन में कमी आई थी। खबर ये भी है कि पाकिस्तान ने अपनी आर्थिक स्थिति को देखते हुए इस डील में दिलचस्पी दिखाई और गधों और कुत्तों को एक्सपोर्ट करने के लिए हां कर दी।
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इसके लिए पाकिस्तान सरकार ने 3 हजार एकड़ की जमीन भी ली जहां गधों को पाला गया। इस बात की जानकारी पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्रालय और सीनेट की स्थायी समिति के अधिकारियों के बीच इंपोर्ट और एक्स्पोर्ट पर ब्रीफ्रिंग के दौरान दी गई। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 में पाकिस्तान चीन को हर साल 80 हजार गधे भेजता था और इसके बदले उसे अच्छी कीमत दी जाती थी। इतना ही नहीं, पाकिस्तान में गधों की संख्या बढ़ाने के लिए चीन ने यहां भारी निवेश किया था।
चीन में क्यों बढ़ी गधों की मांग?
दरअसल चीन पारंपरीक दवा बनाने के लिए गधों का इस्तेमाल करती है। गधों की स्कीन से जिलेटिन मिलता है जिससे चीन में दवा बनाई जाती है। इस जिलेटिन के लिए सबसे पहले गधों को मारा जाता है फिर चमड़ी निकालकर उबाला जाता है जिसके बाद इससे जिलेटिन मिलता है।